देहरादून: राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के कार्यकलापों, गन्ना मूल्य भुगतान, मिलों के आधुनिकीकरण एवं उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के सम्बन्ध में गुरूवार को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने विधान सभा स्थित कार्यालय में गन्ना विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री श्री नेगी ने चीनी मिलों की उत्पादन क्षमता की अद्यतन जानकारी लेते हुए चीनी मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के निर्देश गन्ना विभाग के अधिकारियों को दिए।
बैठक में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग सचिव विनोद शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में अवस्थित चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2014-15 में वर्तमान तक 337.58 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 30.73 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन कर लिया गया है। उक्त गन्ना पेराई हेतु देय रूपये 936.86 करोड़ के सापेक्ष रू0 375.37 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है तथा वर्तमान में रू0 561.49 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान किया जाना शेष है। सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के द्वारा पेराई सत्र 2014-15 में 165.68 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 15.27 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। चीनी मिल बाजपुर, नादेही, गदरपुर एवं किच्छा द्वारा अपने क्षेत्र का सम्पूर्ण गन्ना पेरकर पेराई सत्र का अवसान कर दिया गया है तथा डोईवाला एवं सितारगंज चीनी मिल का पेराई सत्र अभी गतिमान है।
सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा विगत् पेराई सत्र 2013-14 की तुलना में वर्तमान पेराई सत्र में 10.00 लाख कुन्टल गन्ने की अधिक पेराई की गयी है तथा 1.40 लाख कुन्टल चीनी का अधिक उत्पादन किया गया है। विगत् पेराई सत्र 2013-14 की अपेक्षा चीनी मिलों का चीनी परता (रिकवरी प्रतिशत) 0.60 अधिक रहा है तथा चीनी मिलों पर प्रभावी नियंत्रण के फलस्वरूप मिलों में कोई बड़ी बन्दी नहीं रही है। पेरे गये गन्ने के देय मूल्य रू0 465.92 के सापेक्ष रू0 241.58 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
सचिव, गन्ना विकास द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि वर्तमान में चीनी विक्रय मूल्य लगभग रू0 2500.00 प्रति कुन्टल प्राप्त हो रहा है जबकि चीनी मिलों द्वारा बैंकों में रू0 2800.00 प्रति कुन्टल की दर से चीनी को बन्धक रखा गया है। चीनी का विक्रय मूल्य लागत के सापेक्ष अति न्यून होने के कारण चीनी मिलों का घाटा प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है जिस कारण चीनी मिलें अपने संसाधनों से गन्ना मूल्य भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। उक्त स्थिति के दृष्टिगत् अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतुु रू0 213.92 करोड़ की धनराशि राज्य सरकार से दिलाये जाने हेतु अनुरोध किया गया।
सचिव गन्ना द्वारा प्रथम चरण में चीनी मिल बाजपुर व नादेही में सह-विद्युत इकाई तथा इन चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से अवगत कराते हुए बताया गया कि उक्त परियोजनाओं में चीनी मिल बाजपुर हेतु रू0 105.00 करोड़ तथा चीनी मिल नादेही हेतु रू0 76.00 करोड़ कुल रू0 181.00 करोड़ व्यय होना अनुमानित है, जिसमें 20 प्रतिशत राज्य सरकार से 40 प्रतिशत शर्करा विकास निधि (एस0डी0एफ0) तथा 40 प्रतिशत एन0सी0डी0सी0 से वित्त पोषित किये जाने के प्रस्ताव से माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया। उक्त के अतिरिक्त बाजपुर आसवनी के आधुनिकीकरण के प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण भी किया गया तथा इस पर रू0 18.00 करोड़ का व्यय होना अनुमानित बताया गया।
वर्तमान में चीनी आधारित उद्योगों द्वारा डबल रिफाईण्ड चीनी (Double Refined Sugar) की मांग के दृष्टिगत् चीनी मिल डोईवाला एवं किच्छा में डबल रिफाईण्ड चीनी बनाने के संयंत्र स्थापित किये जाने के प्रस्ताव का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। उक्त कार्य में लगभग रू0 20.00 करोड़ चीनी मिल डोईवाला तथा रू0 25.00 करोड़ चीनी मिल किच्छा हेतु व्यय होना अनुमानित बताया गया। सचिव गन्ना विकास द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान हेतु शासन स्तर से दिये गये ऋण एवं उस पर देय ब्याज को भी माफ किये जाने का अनुरोध किया गया। माननीय मंत्री जी द्वारा उक्त समस्त प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
उक्त समीक्षा बैठक में अपर सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग प्रदीप सिंह रावत, गन्ना एवं चीनी आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड शुगर्स के महाप्रबन्धक ए0के0 भट्टाचार्य सहित गन्ना विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।