देहरादून: मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों (पति व पत्नी) को 50 हजार रूपए की वार्षिक अुनदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। बीजापुर में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि बुजुर्ग स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को व्यर्थ में परेशानी ना हो इसके लिए निर्णय लिया गया है कि उन्हें प्रति वर्ष 50 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उनके स्वास्थ्य की देखरेख में कोई कमी ना रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में लाभार्थियों के पंजीकरण में आशा कार्यकत्रियों द्वारा बेहतरीन काम किया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा आशाओं को 1 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि वन टाईम दी जाएगी। सीएम ने कहा कि देहरादून में इस योजना के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण के काम में तेजी लाए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में बेमौसम की बारिश व बर्फबारी से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान को देखते हुए काश्तकारों की सहायता के लिए राज्य स्तर पर अनेक निर्णय लिए गए हैं। नुकसान का मुआवजे जल्द से जल्द काश्तकारों को मिल जाए, इसके लिए 25 करोड़ रूपए का कोष स्वीकृत किया गया है। इसमें से कृषि व हाॅर्टीकल्चर को एक-दो दिन में 5-5 करोड़ दे दिए जाएंगे। यदि आवश्कता हुई तो राज्य सरकार द्वारा और भी धनराशि की व्यवस्था कर दी जाएगी। मुआवजा वितरण में शिथिलता ना आए इसके लिए अपर सचिव कृषि व हाॅर्टीकल्चर को जिम्मेवारी दी गई है। काश्तकारों को हल्दी व अदरक का बीज 75 प्रतिशत केवल इस वर्ष के लिए अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य स्थितियों में इस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। काश्तकारों को मिनी किट भी निशुल्क वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व में निर्णय लिया जा चुका है कि किसानों को दिए गए सहकारी ऋणों की 6 माह तक वसूली नहीं होगी और इस अवधि के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार 1 अपेै्रल से 30 सितम्बर तक 6 माह के लिए किसानों पर राजस्व बकाया, सिंचाई बकाया को भी माफ किया गया है। इस अवधि का बिजली सरचार्ज भी राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित किसानों व फसलों का आंकलन अभी मौटे तौर पर किया गया है। सरकार की प्राथमिकता प्रभावित काश्तकारों को तुरंत राहत देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा वित्तीय वर्ष 2014-‘15 में योजनागत व्यय विगत वर्षों की तुलना में कहीं अधिक रहा है। प्लान के तहत कुल 13634 करोड़ के परिव्यय में से 10157 करोड़ रूपए का व्यय किया गया जो कि पिछले वर्षों की तुलना में उत्साहवर्धक है। आपदा के पुननिर्माण के लिए तीन वर्षीय योजना तैयार की गई थी जिस पर विपरीत परिस्थितियों में भी तेज गति से काम हो रहा है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कृषि व हाॅर्टीकल्चर विभागों के अधिकारियों के साथ प्रभावित काश्तकारों को राहत पहंुचाने के कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में कृषि मंत्री डा.हरक सिंह रावत, विधायक मदन सिंह बिष्ट, मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, सचिव निधि पाण्डे सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।