कोरोना वायरस के खिलाफ केंद्र सरकार की नई टीकाकरण नीति सोमवार से प्रभावी हो रही है। इस नई नीति के तहत केंद्र सरकार देश में वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनियों से उनके उत्पाद का 75 फीसद हिस्सा खरीदेगी और उसे राज्यों के नि:शुल्क देगी। इस महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण नीति में बड़े बदलाव का एलान किया था।
टीकाकरण अभियान की खास बातें
टीके की कोई कमी नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस फेज में टीके की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है और राज्य सरकारें भी अधिक-से-अधिक टीका लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। राज्यों ने बड़ी संख्या में टीकाकरण केंद्र खोलकर लोगों के घर के नजदीक वैक्सीन उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी कर ली है। वहीं छोटे और मझोले शहरों के निजी अस्पतालों को भी पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है।
राज्यों का काम निगरानी का
एक मई से शुरू हुए टीकाकरण के चौथे चरण में केंद्र सरकार 50 फीसद वैक्सीन खरीदती थी। 25 फीसद राज्य सरकारें और 25 फीसद निजी क्षेत्र के अस्पतालों का कोटा तय किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने सात जून को 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त टीका लगाने का एलान किया था। इसके तहत अब राज्य सरकारों के कोटे की 25 फीसद वैक्सीन भी केंद्र खरीदेगा और उन्हें राज्यों को देगा। राज्यों का काम सिर्फ टीके लगाने और उस पर निगरानी रखने को होगा।
राज्यों के पास तीन करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार राज्यों के पास अभी तीन करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हैं और आगे उनके प्रदर्शन के हिसाब से टीके की सप्लाई की जाएगी। केंद्र ने राज्यों से वैक्सीन की सप्लाई की चिंता छोड़कर अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने और पर्याप्त कोल्ड चेन की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा गया है।
इस साल सभी पात्र लोगों को टीके लगाने का लक्ष्य
सरकार ने इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ग की आबादी लगभग 90-95 करोड़ के बीच है। इसके हिसाब से 180-190 करोड़ डोज लगाने की जरूरत पड़ेगी। रविवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 27.62 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं।
प्रतिदिन 80-90 लाख डोज लगानी होंगी
वर्तमान समय में रोजाना औसतन 30 लाख टीके लगाए जा रहे हैं। इस तरह जून तक कुल 30 करोड़ डोज लगा दी जाएंगी। उसके बाद सरकार के पास छह महीने यानी 180 दिन बचेंगे। इसमें 150-160 करोड़ डोज लगानी होगी। इस तरह प्रतिदिन औसतन 80-90 लाख डोज लगाने की जरूरत होगी। सरकार की कोशिश जुलाई के अंत तक प्रतिदिन एक करोड़ डोज लगाने की है।
निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
चौथे चरण में केंद्र से टीके की सप्लाई बढ़ाने के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ाई जा रही है। इसके तहत छोटे और मझोले शहरों के निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण छोटे अस्पतालों को वैक्सीन हासिल करने में मदद कर रहा है। जेएनएन