देहरादून: प्रदेश में वार मेमोरियल के लिए सैनिक कल्याण मंत्री, राज्य सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष व मुख्य सचिव की समिति भूमि का चयन करेगी। आवश्यकता होने पर राज्य सरकार इसके लिए भूमि खरीदने को भी तैयार है।
गांधी पार्क में शौर्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार के संसाधन सीमित हैं, परंतु सैनिकों के प्रति हमारी भावनाएं असीमित हैं। उŸाराखण्ड, सैनिक कल्याण में अनुकरणीय राज्य के रूप में दिखेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें गर्व है कि देश के लिए शहादत की परम्परा निभाने में उŸाराखण्ड के वीर सैनिक हमेशा आगे रहे हैं। हमारी सरकार इस गौरवशाली सैन्य परम्परा को सेल्यूट करती है। राज्य सैनिक कल्याण परिषद सैनिकों के हित में स्वतंत्रता के साथ काम कर सके और सैनिकों व पूर्व सैनिकों के लिए प्रारम्भ की गई योजनाओं की माॅनिटरिंग कर सके, इसके लिए निर्णय लिया गया है कि सैनिक कल्याण परिषद एक स्वायŸाशासी संस्था के तौर पर काम करेगी। इसके अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का स्तर देने का निर्णय लिया गया। वरिष्ठतम सैन्य अधिकारी ले.जनरल गम्भीर सिंह नेगी के व्यापक अनुभव को देखते हुए उन्हें परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वन रैंक वन पेंशन पर राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शहीदों के सपनों के अनुरूप राष्ट्र, राज्य व गांव का विकास करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आजादी के बाद से ही देश प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष युद्ध का सामना कर रहा है। इसमें हमारे वीर सैनिकों का जो ख्ूान बहता है, उस खून की हर बूंद के साथ भारत की एकता व अखण्डता का संकल्प मजबूत होता है। शौर्य दिवस पर पूरा राष्ट्र संकल्प ले रहा है कि वीर सैनिकों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हमारी युवा पीढ़ी वीरता की इस गाथा को आगे ले जाएगी।
सैनिक कल्याण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कारगिल शहीदों को नमन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार, सैनिकों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारजनों के लिए खुले दिल से काम कर रही है। सैनिकों के सम्मान के लिए जितना किया जाए उतना कम है। डाॅ. रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया है कि उपनल राज्य के प्रमुख शहरों में छात्रावास बनाएगा। इनमें सैनिक विधवाओं के बच्चों को निशुल्क जबकि सैनिकों व पूर्व सैनिकों के बच्चों को नाममात्र के शुल्क पर छात्रावास की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। सैनिक विधवाओं व अपंग सैनिकों के बच्चे जो कि आई.आई.टी., एम.बी.बी.एस. व आई.एम.ए. में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, को उपनल द्वारा 1 लाख रूपए प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कार्यक्रम में शहीद सैनिकों के परिवारजनों, वीरता मेडल प्राप्त सैनिकों, पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। विभागीय योजनाओं के तहत श्रीमती औंकारी देवी, सुहासिनी देवी, कस्तूरी देवी, ममिता देवी, आशा देवी मनिषा देवी को पुत्री के विवाह के लिए 1 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि के चैक भेंट किए। आयुष सेमवाल, बसंत सिंह पंवार को छात्रवृŸिा के लिए सहायता राशि प्रदान की गई।