वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुए हादसे में प्रदेश सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे के तत्काल बाद इंजिनियर्स को सस्पेंड कर दिया गया था। बुधवार को प्रशासन ने घटना के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी जिला प्रशासन ने लापरवाही दिखाई। उधर, पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर मृतक के परिजनों से रुपये मांगने वाले सफाई कर्मचारी को जेल भेजने की संस्तुति जिला प्रशासन ने की है।
वाराणसी- इलाहाबाद स्टेट हाइवे पर बन रहे फ्लाइओवर की स्लैब गिरने से हुए हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी। यह फ्लाइओवर सेतु निगम द्वारा बनाया जा रहा था। जिला प्रशासन ने सिगरा थाने में सेतु निगम के अधिकारियों और फ्लाइओवर का निर्माण कर रहे लोगों पर आईपीसी की 304 और 308 धाराओं में मामला दर्ज कराया है। अब इन अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का केस चलेगा।
सूत्रों की मानें तो हादसे के बाद से प्रदेश सरकार की कार्रवाई से डरे अधिकारी गायब हो गए हैं। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है वे भी फरार हैं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है। अधिकारियों के जिन होटेल में छिपे होने की जानकारी पुलिस को मिली थी वहां भी छापेमारी की गई है।
इतने बड़े हादसे के बाद भी अधिकारियों ने लापरवाही बरती। हादसे के बाद गिरे स्लैब और घटना स्थल पर मलबा उठाने के लिए क्रेनें मंगवाई गईं। इन क्रेनों ने स्लैब हटाकर गाडिय़ों को टांगकर हटाया। इधर मौके पर हजारों लोगों की भीड़ जमा थी। मौके पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे लेकिन उन लोगों ने भीड़ को हटाना मुनासिब नहीं समझा। लोगों की भीड़ के ऊपर से क्रेन गाडिय़ां टांगकर हटाती रहीं।सफाई कर्मचारी को इधर लोगों के शव पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाए गए। यहां मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि पोस्टमॉर्टम हाउस में मौजूद सफाई कर्मचारी ने उनसे 100-200 रुपये मांगे। शिकायत के बाद डीएम योगेश्वर राम ने सख्त कार्रवाई करते हुए सफाई कर्मचारी बनारसी को सस्पेंड कर दिया है। इतना ही नहीं डीएम ने बनारसी को जेल भेजने की संस्तुति भी की है।