नई दिल्ली: दुनिया के प्राचीन शहरों में शुमार किए जाने वाला वाराणसी गंगा के तट पर बसे प्रतिष्ठित पुराने शहर वाले क्षेत्र के 1,389 एकड़ हिस्से के पुनः संयोजन के जरिए स्मार्ट सिटी की खूबियां हासिल करना चाहता है। इसके अलावा, वाराणसी समूचे शहर के लोगों के हित में ई-गवर्नेंस को अपनाना चाहता है। स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रस्तुत की गई 2,520 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी योजना के आधार पर शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू द्वारा कल वाराणसी को भी 27 शहरों की नई सूची में शामिल किया गया। इन सभी शहरों का चयन स्मार्ट सिटी की विकास योजनाओं के वित्त पोषण के लिए किया गया है।
वाराणसी की स्मार्ट सिटी योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचे एवं शहर के शासन से जुड़ी वर्तमान खामियों को दूर करते हुए इस शहर को एक ‘सुरम्य, समुन्नत, सुरक्षित, संयोजित, निर्मल एवं एकीकृत काशी’ में तब्दील करना है।
स्थानीय प्रशासन ने स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रस्ताव में कहा है कि, ‘शहर के नौ स्थलों पर विचार करने के बाद और चार लाख से भी ज्यादा निवासियों के मतदान के आधार पर मुख्य केन्द्र बिन्दु गंगा नदी एवं लोगों की आस्था एवं प्राथमिकताओं को दर्शाने वाले काशी विश्वनाथ मंदिर से युक्त पुराना शहर क्षेत्र आधारित विकास के लिए अग्रणी के तौर पर उभर कर सामने आया है। पूरे शहर के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान हेतु ई-गवर्नेंस और एकीकृत यातायात प्रबंधन को उच्च प्राथमिकता दी गई।’
क्षेत्र आधारित विकास के लिए चयनित पुराने शहर वाला क्षेत्र इस शहर के भौगोलिक क्षेत्र के 7 फीसदी हिस्से, आबादी के 31 फीसदी हिस्से और शहर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 38 फीसदी हिस्से को कवर करता है। संबंधित क्षेत्र के विकास पर 1,659 करोड़ रुपये और समस्त शहर से जुड़े समाधानों (सोल्यूशन) पर 618 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अन्य व्यय में तकनीकी एवं प्रशासनिक खर्च और अन्य आकस्मिक खर्च शामिल हैं।
हर साल इस शहर में आने वाले लगभग 65 लाख पर्यटकों की विशाल संख्या को ध्यान में रखते हुए वाराणसी से जुड़े प्रस्ताव में इस शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से लाभ उठाने का उल्लेख किया गया है। इस दिशा में पर्यटन की संभावनाओं से पूर्ण लाभ उठाने के लिए शहर की प्रस्तुति एवं आकर्षण (सुरम्य) को बढ़ाया जाएगा, रोजगार अवसर बढ़ाने के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास (समुन्नत) सुनिश्चित किया जाएगा, सुरक्षा (सुरक्षित) सुनिश्चित की जाएगी, निर्बाध आवाजाही (संयोजित) को संभव किया जाएगा, साफ-सफाई (निर्मल) सुनिश्चित की जाएगी और सरल, आधुनिक, जवाबदेह, उत्तरदायी एवं पारदर्शी सेवाओं के लिए एकीकृत, प्रौद्योगिकी आधारित गवर्नेंस (एकीकृत) का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
केन्द्र एवं राज्य सरकार से सहायता मिलने के अलावा वाराणसी के स्मार्ट सिटी प्रस्ताव पर आने वाली लागत को विभिन्न योजनाओं के संयोजन से प्राप्त होने वाले 1,290 करोड़ रुपये के संसाधनों, निगम के अपने संसाधनों से प्राप्त 505 करोड़ रुपये और पीपीपी से हासिल होने वाले 140 करोड़ रुपये से पूरा किया जाएगा।