देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुद्धवार को सचिवालय में सभी डीएम, डीएफओं व कन्जरवेटरों से वीडि़यों कांफ्रेसिंग के माध्यम से लोक निर्माण विभाग एवं पीएमजीएसवाई के अधीन बनने वाली सड़को के भूमि हस्तान्तरण के प्रस्तावों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने लम्बित प्रस्तावों के त्वरित निराकरण के लिये अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी व पौड़ी में 15 सितम्बर तक सभी सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश अपर प्रमुख वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी फाॅरेस्ट क्लीयरेंस एस.टी.एस लेप्चा को दिये, इस बैठक में प्रशासन वन एवं सम्बंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे इसके निर्देश भी उन्होने जिलाधिकारियों को दिये। उन्होने जनपदवार वन भूमि हस्तान्तरण के आनलाइन प्रस्तावों व सैद्धान्तिक विधिवत स्वीकृतियों की जानकारी प्राप्त करते हुए प्रमुख वन संरक्षक को निर्देश दिये कि इस सम्बंध में यदि कोई कठिनाई हो तो उसका निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाय।
उन्होने कहा कि नोडल आफिसर को यदि मानव संसाधनों की आवश्यकता हो तो इसकी भी व्यवस्था की जाय। उन्होने कन्जरवेटरों से भी अपेक्षा कि की वे अपने स्तर पर भी बैठके आयोजित कर कार्यो में तेजी लायें। उन्होने निर्देश दिये कि 30 सितम्बर तक वन भूमि हस्तान्तरण के सभी प्रस्तावों पर कार्यवाही पूर्ण कर 15 अक्टूबर तक डीपीआर तैयार हो जाय ताकि 1 नवम्बर से इन सड़को पर निर्माण प्रारम्भ हो सके। उन्होने बरसात के कारण खराब होने वाली सड़को की मरम्मत भी 20 अक्टूबर तक सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने वीडियों कांफ्रेसिंग के दौरान सभी जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे अपने जनपद में प्रत्येक शनिवार को अपराहन 4 बजे तथा सोमवार को 12 बजे सभी विभागीय कार्यालयाध्यक्षों की बैठक बुलाये तथा सोमवार को विभागों की हाजिरी रजिस्टर की जांच करने के साथ ही यह सुनिश्चित करे कि कोई अधिकारी बिना अनुमति के अपने कार्यालय से अनुपस्थित तो नही है। सप्ताह के अन्त में अधिकारियों के कार्यालय में न मिलने की शिकायत मिलने पर उन्होने यह निर्देश दिये। उन्होने इन आदेशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी विभागीय कार्यालयाध्यक्षों के माध्यम से अपने अधीनस्थों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करायेंगे।