18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वीर सावरकर की दृष्टि सम्पूर्ण भारत की थी, उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर की 140वीं जयन्ती के अवसर पर ‘वीर सावरकर-जो भारत का विभाजन रोक सकते थे और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टि’ पुस्तक का लोकार्पण किया। लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने वीर सावरकर को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 20वीं सदी में वीर विनायक दामोदर सावरकर जैसा महानायक पूरी दुनिया में पैदा नहीं हुआ। आजादी के बाद भी वीर सावरकर को उचित सम्मान नहीं मिला। वीर सावरकर ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। उनकी दृष्टि में राष्ट्र प्रथम एवं सर्वाेपरि था। इस दृष्टिकोण को आज हर भारतीय को अपनाने की आवश्यकता है। वीर सावरकर की दृष्टि सम्पूर्ण भारत की थी। वे कभी अपने मूल्यों, आदर्शाें से डिगे नहीं। उनका एकमात्र मिशन भारत की स्वाधीनता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीर सावरकर की प्रतिभा को दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन विचार कभी मरते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व के समय में यदि वीर सावरकर की ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति को अपनाया गया होता तो देश विभाजन की त्रासदी से बच जाता और देश आतंकवाद, अलगाववाद जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होता। वीर सावरकर ने कहा था कि पाकिस्तान आयेगा-जायेगा, लेकिन हिन्दुस्तान हमेशा रहेगा। वहीं मोहम्मद अली जिन्ना की दृष्टि अत्यन्त संकुचित, संकीर्ण एवं देश विभाजक की थी। उन्होंने कहा कि देश अन्य सभी जगह जीत जाता था, लेकिन तुष्टीकरण की नीति से हार जाता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीर सावरकर एक महान क्रान्तिकारी, लेखक, कवि एवं दार्शनिक थे। वीर सावरकर सभी गुणों से परिपूर्ण थे। इतिहास में वे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें एक ही जीवन में दो बार आजन्म कारावास की सजा मिली थी। वीर सावरकर जेल की कालकोठरी की दीवारों मंे अपने नाखूनों एवं बर्तनों से लिखा करते थे। वीर सावरकर का राष्ट्र के प्रति जज्बा अद्वितीय था। वीर सावरकर कहते थे कि ‘मेरी लड़ाई भारत की स्वाधीनता की लड़ाई थी, जिसमें तीन चौथाई भारत मैं ले चुका हूं और एक चौथाई भारत बाकी है’। वीर सावरकर ने अपने विचारों, मूल्यों एवं अपनी राष्ट्रीयता की भावना से कभी समझौता नहीं किया। गोरक्षपीठ ने भी वीर सावरकर के राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीर सावरकर की दिव्य दृष्टि, कृतियां एवं वक्तव्य आज भी भारत को नई दृष्टि दे रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति एवं अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर का निर्माण वीर सावरकर की विचार दृष्टि के अनुरूप है। आज जम्मू और कश्मीर की जनता मुख्यधारा से जुड़ रही है और विकास एवं प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
युगदृष्टा, राष्ट्रऋषि वीर सावरकर ने सनातन धर्मावलम्बियों को हिन्दू शब्द की परिभाषा से परिचित कराया। वीर सावरकर वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने हिन्दुत्व शब्द दिया। वीर सावरकर की हिन्दुत्व की विचारधारा के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान दृष्टि एवं व्यवहार होना चाहिए तथा देश के संसाधनों पर सबका हक है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार इसी विचारधारा के अनुरूप सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास को चरितार्थ कर रही है। प्रदेश में सभी पर्व एवं त्यौहार शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने धार्मिक क्रियाकलापों को हम किसी दूसरे पर थोप नहीं सकते। सड़कें आवागमन के लिए होती हैं, धार्मिक अनुष्ठान के लिए नहीं। आज प्रदेश में सड़कों पर कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं हो रहे हैं। सभी के सहयोग से धार्मिक स्थलों से अनावश्यक लाउडस्पीकरों को उतारा गया है, जिससे विशेषतः बीमारांे, बुजुर्गाें, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को तेज आवाज से राहत मिली है। प्रदेश की 25 करोड़ जनता शान्ति, सद्भाव एवं सौहार्द के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीर सावरकर के विचारों, आदर्शाें एवं मूल्यों की प्रासंगिकता वर्तमान में पहले से और भी ज्यादा है। वीर सावरकर के दृष्टिकोण, विचारों पर विश्वविद्यालयों में शोध एवं पीठ स्थापित होनी चाहिए तथा युवाओं को सावरकर के विचारों से वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तादात्म्य स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में पूरा देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की ओर अग्रसर है। आजादी के अमृत महोत्सव का अपना महत्व है। हमें कैसा भारत चाहिए, हम किस प्रकार भारत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए हम सबको मिलकर इस अमृत काल का उपयोग भारत को दुनिया की महाशक्ति बनाने में करना होगा। इस कार्य में प्रत्येक व्यक्ति को अपना-अपना योगदान करना होगा। आने वाले समय में जैसा भारत होगा वैसा ही हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य होगा। आज दुनिया में जब भी कोई संकट आता है, तो दुनिया भारत के यशस्वी नेतृत्व की ओर देख रही है। अब पूरा विश्व भारत को भारतीय दृष्टि से देख रहा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, वीर सावरकर पुस्तक के लेखक द्वय श्री उदय माहुरकर एवं श्री चिरायु पण्डित, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More