राज्यसभा में विपक्ष के बहिष्कार के बीच विधेयकों को पारित कराए जाने पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह विधायी कार्य कराया जाना दुखद है। लेकिन ऐसी स्थिति में यदि कामकाज नहीं होगा तो आपत्तिजनक व्यवहार करने वाले सांसदों के रवैये को एक तरह की वैधता मिल जाएगी। नायडू ने सदन में सत्र समाप्ति की घोषणा से पूर्व संबोधित करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सदन के कुछ सदस्य निलंबित हैं, कई सदन का बहिष्कार कर रहे हैं और विधेयक पारित कराये जा रहे हैं। लेकिन यह स्थिति मेरे लिए बहुत ही दुखद और असहनीय है। ऐसी स्थिति को हर तरह से टाला जाना चाहिए।
लगभग 22 साल उच्च सदन में बिताने वाले नायडू ने कहा कि जब शोरशराबे में विधेयक पारित होते हैं तो उन्हें बहुत आक्रोश होता है। आठ सदस्यों के निलंबन पर उन्होंने कहा कि जब आवश्यक होता है तब सदन के नियमों के अनुसार इस तरह की कार्रवाई की जाती है।
कार्यकाल पूरा करने जा रहे 11 राज्यसभा सदस्यों को विदाई
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने नवंबर में कार्यकाल पूरा करने जा रहे 11 सदस्यों के नाम घोषित किए। नायडू ने सदन में बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के डा. छत्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, पीएल पुनिया, रविप्रकाश वर्मा, राजा राम, राम गोपाल यादव, वीर सिंह, हरदीप सिंह पुरी, नीरज शेखर, अरुण सिंह और राज बब्बर नवंबर में अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकाल पूरा होने पर सदस्य में देश और देशवासियों की सेवा करने का भाव होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कार्यकाल पूरा करने वाले सदस्य आगे भी लोगों के हितों के लिए काम करत हुए लोकतंत्र को मजबूत करेंगे। राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होता है। हर दो साल पर एक तिहाई सदस्य अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं। पीटीआइ