नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने कहा कि श्री बीजू पटनायक सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं थे, वे एक ऐरोनोटिकल इंजीनियर, वायु सेना के एक पायलट, एक उद्यमी और एक असंदिग्ध अखंडता के व्यक्ति और एक स्वतंत्रता सेनानी, एक सच्चे राष्ट्रवादी थे, और तब भी उनके प्रिय ओडिशा के हित उनके हृदय के बेहद करीब थे।
श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहां श्री बीजू पटनायक के शताब्दी समारोहों को संबोधित कर रहे थे। ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक, ओडिशा सरकार के उद्योग विद्यालय एवं जन शिक्षा मंत्री श्री देबी प्रसाद मिश्रा, ओडिशा सरकारी की महिला एवं बाल विकास, योजना एवं समन्वय मंत्री श्रीमती उषा देवी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि नेताओं की एक ऐसी पीढी थी जिन्होंने अच्छे कार्यों के लिए राष्ट्रीय सीमाओं से अलग निकल कर एक भूमिका निभाई और श्री बिजयनंदा पटनायक या जैसा कि उन्हें प्यार से कहा जाता था, बीजू पटनायक एक ऐसे ही नेता थे। उन्होंने कहा कि श्री बीजू पटनायक की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति ऐसी थी कि उनके अंतिम संस्कार में तीन राष्ट्र भारत, इंडोनेशिया एवं सोवियत संघ के झंडे उनके शरीर से लिपटे हुए थे, जो कि एक दुर्लभ घटना थी। उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि श्री बीजू पटनायक का लोकतंत्र में ढृढ़ विश्वास था और वह हृदय से समाजवादी थे और उन्होंने वैज्ञानिक मनोवृति में डूबे भारत के पंडित नेहरू के विजन को साझा किया तथा प्रौद्योगिकी को भारत के असंख्य समस्याओं को सुलझाने की कुंजी के रूप में देखा। उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि श्री पटनायक समाजवाद और संघवाद में दृढ़ विश्वास रखते थे और उनके प्रिय ओडिशा की प्रगति एवं विकास के लिए उनकी एक दृष्टि थी। वह एक प्राकृतिक उद्यमी और कलिंगा एयरलाइन्स और ओडिशा टेक्सटाइल मिल के संस्थापक थे। उन्होंने बताया कि वह कृषि सामंतवाद को ध्वस्त किए जाने तथा औद्योगिक क्रांति के पक्षधर थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि हम एक महान नेता, अपने लोगों के लिए एक नायक, एक दूरदर्शी, एक आदर्शवादी जिसने साहसी विचारों को प्रेरित किया, को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि वह केवल उन्हीं लोगों की याद में नहीं रहते जिनकी उनसे मुलाकात हुई है, बल्कि उन लोगों के लिए भी वह बेहद प्रिय हैं, जिन्होंने उनके बारे में सुना और पढ़ा है। उनकी विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहती है।