16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उपराष्ट्रपति ने भारत छोड़ो आंदोलन के लक्ष्यों को पूरी तरह हासिल करने के लिए भारत जोड़ो (निट इंडिया) आंदोलन का आह्वान किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने भारत जोड़ो (निट इंडिया) अभियान को सशक्त बनाने का आह्वान किया है, ताकि देश को मजबूत और भावनात्मक रूप से एकीकृत राष्ट्र बनाया जा सके। ऐसा करना राष्ट्र विरोधी शक्तियों की गलत मंशाओं के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव भी सिद्ध होगा।

भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की 78वीं वर्षगांठ के अवसर पर, श्री नायडू ने एक फेसबुक लेख में 1000-1947 की लंबी अवधि के दौरान विदेशी आक्रमणों और औपनिवेशिक शोषण की श्रृंखला के बारे में विस्तार से बताया, जब देश में एकता की कमी थी। उन्होंने कहा कि दूसरी सहस्राब्दी की इस लंबी अवधि के दौरान, देश को सांस्कृतिक अधीनता और आर्थिक शोषण के रूप में बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ी, पहले का समृद्ध भारत कमजोर हो गया।

उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि 1947 में लड़कर ली गयी आजादी सिर्फ 200 साल के औपनिवेशिक शासन को खत्म करने के बारे में नहीं थी, बल्कि 1000 साल के लंबे काले युग की भी समाप्ति थी, जब आक्रमणकारियों, व्यापारियों और उपनिवेशवादियों द्वारा भारतीयों में एकता की कमी का फायदा उठाते हुए देश को लूटा गया था।

श्री नायडू ने कहा, ”एक-दूसरे से जुड़े होने और समान उद्देश्य और कार्य से सम्बंधित भावना की कमी के कारण, भारत को लंबे समय तक अधीनता और शोषण का सामना करना पड़ा। इससे सीख लेते हुए, सभी भारतीयों को सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार का पालन करते हुए भारतीयता की साझा भावना से बंधने की आवश्यकता है। यह सब राष्ट्रवाद की भावना को पोषित करने वाला है। विभाजित भारत की धारणा हमें दूसरों के लिए एक आसान लक्ष्य बनाती है। एक मजबूत, एकताबद्ध और भावनात्मक रूप से एकीकृत भारत उन लोगों के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है, जो संदिग्ध इरादों के साथ हम पर बुरी नजर रखते हैं।”

श्री नायडू ने कहा कि सभी के लिए समानता और समान अवसर सुनिश्चित किया जाना चाहिए और इसके लिए भारत जोड़ो अभियान की जरूरत है। एक विभाजित और अन्यायपूर्ण समाज सभी भारतीयों को उनकी क्षमता के अनुरूप संपूर्ण विकास के लिए सक्षम नहीं बना सकता।

विदेशी आक्रमणों के प्रतिकूल प्रभावों में एक था- 1000 ई. के बाद से देश की संपत्ति की लूट। श्री नायडू ने सोमनाथ मंदिर को नष्ट करने और 925 वर्ष की लंबी अवधि के बाद स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इसके पुनर्निर्माण का तथा 500 साल के लंबे अंतराल के बाद इस महीने की पाँच तारीख को भूमि पूजन के साथ अयोध्या मंदिर के पुनर्निर्माण शुरू होने का उल्लेख किया।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सुश्री उत्सा पटनायक के शोध का हवाला देते हुए, श्री नायडू ने कहा कि अंग्रेज 1765-1938 के दौरान विभिन्न रूपों में भारत से 45 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर धन ले गए, जो 2018 में यूके के जीडीपी के 17 गुना के बराबर था। उन्होंने कहा कि ऐसे आर्थिक शोषण ने भारत को कमजोर कर दिया, देश जो लंबे समय से तैयार माल का निर्यात कर रहा था, अत्यधिक गरीब हो गया।

8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी द्वारा दिए गए ‘करो या मरो’ आह्वान का उल्लेख करते हुएश्री नायडू ने कहा कि अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले ने ऐसी भाषा का उपयोग किया कि अंग्रेज़ घबरा गए और उन्हें पांच साल बाद भारत छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि दादाभाई नौरोजी, फ़िरोज़ शाह मेहता जैसे उदारवादी नेताओं, लाल-बाल-पाल जैसे मुखर राष्ट्रवादी नेताओं और शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों द्वारा अपनाए गए विभिन्न दृष्टिकोणों की परिणति थी – देश की स्वतंत्रता। क्रांतिकारी नेता विदेशी समर्थन लेकर अंग्रेजों को बेदखल करना चाहते थे। श्री नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी ने 1915 में भारत लौटने के बाद से स्वतंत्रता संग्राम को नैतिक और व्यापक आयाम दिया।

2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के समारोह का जिक्र करते हुए, श्री वेंकैया नायडू ने देश के लोगों से गरीबी, अशिक्षा, असमानता, लैंगिक भेदभाव, भ्रष्टाचार और सभी तरह की सामाजिक बुराइयों को दूर करने का संकल्प लेने का आग्रह किया और कहा कि इसके बाद ही महात्मा गांधी और हर आकांक्षी भारतीय के सपनों के भारत का निर्माण हो सकेगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More