28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उपराष्ट्रपति ने भारत में सौर प्रकाश वोल्टीय सेल और मॉड्यूल का उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया

देश-विदेश

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज राज्यों का आह्वान किया कि वे सौर प्रकाश वोल्टीय सेल और मॉड्यूल के लिये निर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करें, ताकि देश में उनके उत्पादन में तेजी आये।

सौर सेल और मॉड्यूल जैसे पुर्जों के लिये आयात पर भारत की भारी निर्भरता को मद्देनजर रखते हुये उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यों के सक्रिय सहयोग से सौर ऊर्जा क्षेत्र में ‘आत्म निर्भरता’ बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इस सम्बंध में उद्योग जगत के छोटे निर्माताओं को प्रोत्साहित करने का भी आह्वान किया।

अगले कुछ वर्षों में नवीकरणीय क्षेत्र में भारत की विकास-क्षमता के हवाले से श्री नायडू ने कहा कि इस क्षेत्र में हमारे पास प्रशिक्षित कार्यबल का अभाव हमारे विकास की राह में रोड़ा है। उन्होंने सुझाव दिया कि कार्यबल का कौशल बढ़ाने और उन्हें प्रशिक्षण देने में निवेश किया जाये। इस दिशा में आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने में कार्यबल को सक्षम बनाया जाये। उन्होंने ‘सूर्य मित्र’ योजाना का भी उल्लेख किया।

पुदुच्चेरी केंद्र शासित प्रदेश के पांडिचेरी युनिवर्सिटी में 2.4 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करते हुये उपराष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्प्रभाव के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर दिया कि सौर, पवन और छोटे पन बिजली संयंत्रों जैसी हरित ऊर्जायें हमारी बढ़ती ऊर्जा मांगों का कारगर विकल्प हैं।

 ‘ऊर्जा अंतरण’ के क्षेत्र में विश्व में भारत द्वारा नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का उल्लेख करते हुये श्री नायडू ने कहा कि 40 गीगावॉट से अधिक सौर क्षमता के आधार पर भारत सौर ऊर्जा क्षमता में दुनिया में पांचवें पायदान पर पहुंच गया है।

सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार के महत्त्व पर जोर देते हुये श्री नायडू ने कहा कि जमीन पर लगाई जाने वाली प्रकाश वोल्टीय प्रणालियों की वैकल्पिक स्थिति की पड़ताल की जानी चाहिये। इस सम्बंध में उन्होंने पानी पर तैरने वाले सौर संयंत्र, खासतौर से तेलंगाना के रामागुंदम में 100 मेगावॉट वाले एनटीपीसी के पानी पर तैरने वाले सौर संयंत्र का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि छतों पर लगाये जाने वाले सौर संयंत्र कारगर विकल्प हैं और उन्हें बढ़ावा दिया जाना चाहिये।

उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे सभी नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं और अनुसंधान पर सक्रिय रूप से काम करें। उन्होंने शैक्षिक संस्थानों को सुझाव दिया कि वे छात्रों को प्रोत्साहित करें कि वे नवीकरणीय ऊर्जा तथा पदार्थ विज्ञानों के क्षेत्र में अपनी इंटर्नशिप करें। साथ ही इसी क्षेत्र में अपना प्रॉजेक्ट भी पूरा करें। उन्होंने कहा, “इससे न सिर्फ रोजगार की संभावनायें बढ़ेंगी, बल्कि हमारे स्वदेशी सौर उद्योग में नवाचारों को प्रोत्साहन मिलेगा और सुधार आयेगा।”

कार्यक्रम में पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन, मुख्यमंत्री श्री एन. रंगासामी, पुदुच्चेरी विधानसभा के स्पीकर श्री एमबालम आर. सेल्वम. पुदुच्चेरी विधानसभा के सदस्य श्री पीएमएल कल्याणा सुंदरम, पांडिचेरी युनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. गरमीत सिंह, संकाय निदेशक डॉ. बालाकृष्णन और अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More