उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने जल संरक्षण पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का आह्वान किया और प्रत्येक नागरिक से पानी की हर बूंद को बचाने के लिए जल योद्धा बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए समय है कि वे इस स्थिति की गंभीरता का एहसास करें और जल्द से जल्द पानी की बचत के उपाय अपनाएं अन्यथा भविष्य में दुनिया को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा।
न्यूज 18 और हार्पिक द्वारा आयोजित मिशन पानी के जल प्रतिज्ञा दिवस कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने बड़े जल संकट को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री नायडू ने न्यूज 18-हार्पिक की पहल की सराहना की और इसे सही दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने जल प्रतिज्ञा दिवस मनाने के लिए उनकी सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पृथ्वी पर उपलब्ध ताजा पानी के 3 प्रतिशत में से केवल 0.5 प्रतिशत पीने के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विश्व की आबादी से 18 प्रतिशत अधिक है, लेकिन भारत में दुनिया के नवीकरणीय जल संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत है।
उपराष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 2.2 बिलियन लोगों की पहुंच सुरक्षित रूप से प्रबंधित पीने के पानी तक नहीं है। दुनिया के लगभग 4.2 बिलियन लोग या 55 प्रतिशत आबादी अभी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के बिना रह रही है।
महिलाओं और बच्चों पर पानी की कमी के प्रतिकूल प्रभावों की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं हर दिन 200 मिलियन से अधिक घंटे दूर के स्थानों से पानी लाने के लिए खर्च करती हैं। विश्व स्तर पर बच्चे अपनी माताओं के बोझ को साझा करते हुए प्रत्येक दिन 200 मिलियन घंटे खर्च करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने जल संकट के कुछ कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि तेजी से शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक और कृषि गतिविधियों का विस्तार, बोरवेल की अंधाधुंध ड्रिलिंग, जलवायु परिवर्तन और पानी के लापरवाह उपयोग से पानी की कमी हो रही है।
उपराष्ट्रपति ने भारत में पानी की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में पानी की स्थिति चिंताजनक है और हम चलता है रवैया अपनाकर खुश नहीं रह सकते।
श्री नायडू ने कहा कि स्थिति को संभालने के लिए कई वचन लेने होंगे।
उन्होंने प्लास्टिक की थैलियों, डिटर्जेंट, मानव अपशिष्ट, कचरा और औद्योगिक अपशिष्टों से हर तालाब, हर नदी, हर वसंत और हर ब्रुक की रक्षा करने का संकल्प करने की अपील की। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे पानी की बचत करने के लिए किफायती उपाय अपनाएं। विनिर्माण इकाइया जल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध बने और लोग नल को उपयोग करने के बाद बंद करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर और समुदायों, किसानों, संस्थानों, उद्योगों और स्थानीय निकायों द्वारा जल संरक्षण को बढ़ावा देने में सरकारों और गैर-सरकारी निकायों के प्रयासों को पूरा करने के लिए सचेत प्रयास किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने जल स्रोतों के प्रदूषण, भूजल के विषैला होने से रोकने तथा घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट जल के समुचित उपचार के लिए निरंतर उपाय करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम जैसी सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को कृषि के लिए पानी उपलब्ध कराने के काम में बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा सकता है।
श्री नायडू ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अलवणीकरण प्रौद्योगिकी, ओस जमा करने और अपशिष्ट जल की रीसाइक्लिंग जैसे नवीन तरीकों की खोज कर पानी की कमी की चुनौती को हल करें।
जल संरक्षण पर जल आंदोलन के लिए हाल के आह्वान की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने पानी बचाने की दिशा में कई पहल करने के लिए सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, अटल भू-जल योजना, जल जीवन मिशन और जल शक्ति अभियान (जेएसए) प्रशंसनीय कदम हैं।
जल संकट को हल करने की दिशा में कुछ राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने मेघालय की जल नीति और गोवा को ‘हर घर जल’ लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने सुझाव दिया कि हर राज्य में एक जल नीति होनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम में और आंध्र प्रदेश के कडप्पा में वर्षा जल संचयन को सभी के लिए अनिवार्य बनाने के कदम सराहना की।
इस पहल के लिए न्यूज 18 को बधाई देते हुए श्री नायडू ने आशा व्यक्त की कि प्रत्येक समाचार चैनल, अखबार और मीडिया संगठन ऐसी पहल करें ताकि यह संदेश लोगों तक आसानी से पहुंचे। उन्होंने कहा कि सिनेमा, खेल, राजनीतिक, सामाजिक या अन्य क्षेत्रों की हस्तियां भी जल संरक्षण आंदोलन में हाथ बढ़ाएं।
उपराष्ट्रपति ने पानी गान रचना के लिए संगीत के जादूगर ए.आर. रहमान की सराहना की और गीत लिखने के लिए गीतकार प्रसून जोशी की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, न्यूज़ 18 के प्रबंध संपादक श्री किशोर अजवानी अधिकारी, शिक्षक और स्कूली बच्चे वर्चुअली शामिल हुए।