नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने लोगों विशेषकर युवाओं से कहा है कि वे भारत की संस्कृति, विरासत, भाषाओं एवं व्यंजनों के विभिन्न पहलुओं से परिचित होने और इसके अनूठे सांस्कृतिक तानेबाने की समझ को बढ़ाने के लिए देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा करें।
नई दिल्ली में आज पुरस्कृत मलयाली पुस्तक ‘हैमावताभूविल’ के अंग्रेजी संस्करण ‘हिमालयन ओडिसी’ के विमोचन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, देश में रुचि के स्थानों की प्रकृति अलग-अलग है, जो इतिहास, संस्कृति, पौराणिक कथाओं एवं विरासत से संपन्न हैं और पर्यटन क्षमता का लाभ उठाने का अपार अवसर प्रदान कराते हैं। उन्होंने कहा, ‘दुनिया की खोज करने से पहले अपने देश को बेहतर तरीके से जानना चाहिए।’ यह पुस्तक सांसद और मातृभूमि के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री एम. पी. वीरेंद्र कुमार ने लिखी है।
हर राज्य में अद्वितीय पर्यटन स्थल होने का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘कुछ जगहें आपको प्रेरणा, नए विचार और नई कल्पनाएं देती हैं।’ उन्होंने कहा, वह चाहते हैं कि युवा प्रकृति की गोद में समय बिताएं और उसकी रक्षा करने का प्रयास करें। यह चिंता व्यक्त करते हुए कि प्रकृति दशकों से मानवीय शोषण के बाद अपना रोष दिखा रही है, उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि लोग प्रकृति से प्यार करें, उसके साथ रहें। उन्होंने कहा, ‘एक बेहतर भविष्य के लिए प्रकृति की रक्षा और संस्कृति का संरक्षण करें।’
उपराष्ट्रपति ने सीआईआई, फिक्की और एसोचैम जैसे कॉर्पोरेट निकायों से भी कहा कि वे ऐसे पर्यटन स्थलों की पहचान करें, जो अल्प विकसित हैं और उनके विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए वित्तीय मदद करें। वह चाहते हैं कि ये निकाय भारत को एक आकर्षक वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरा करें।
श्री नायडू ने कहा कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाने की खातिर जहां तक संभव हो सके सार्वजनिक-निजी भागीदारी के मॉडल को अपनाया जाना चाहिए।
पर्यटन क्षेत्र को आर्थिक विकास का बड़ा साधन बताते हुए और हॉस्पिटालिटी, परिवहन जैसे क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने तथा इसे स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने का जरिया बताते हुए श्री नायडू ने कहा कि ऐसे स्थानों पर जाने में खास रूचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशिष्ट विषयों पर पर्यटक सर्किट विकसित करने की एक बहुत बड़ी गुंजाइश और जरूरत है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए आह्वान का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि देश के सामने खड़ी चुनौतियों को समझने के लिए ‘भारत दर्शन’ करें और इन दिक्कतों के हल के लिए स्वदेशी उपाय सुझाएं। प्रधानमंत्री ने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लोगों से साल 2022 तक 15 नए पर्यटन स्थलों पर जाने का आह्वान किया है।
श्री नायडू ने स्वदेश दर्शन, राष्ट्रीय तीर्थयात्रा कायाकल्प मिशन एवं आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) जैसी योजनाओं को शुरू करने के लिए सरकार की सराहना की तथा घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष तीर्थयात्रा पैकेज शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय की सराहना की।
किताब के बारे में श्री नायडू ने कहा कि हिमालयी चार धामों की विभिन्न यात्राओं के मुख्य विषय के साथ, यह बर्फ से लकदक हिमालय के शिखरों से केरल में नीला नदी के किनारे तक भव्यता के साथ ले जाती है।
इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश, सांसद श्री जयराम रमेश, श्री डी. राजा और अन्य भी उपस्थित थे।