नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने पुलिस बलों से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों में अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने पुलिस से ऐसे मामलों में बिना देरी किए प्राथमिकी दर्ज करने और ऐसे हर एक मामले की गहनता से जांच करने को भी कहा है।
गुजरात पुलिस को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान करने के अवसर पर आज उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने महिलाओं को पुलिस सेवा में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए गुजरात पुलिस की सराहना की और सभी राज्यों से इसका अनुसरण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे लैंगिक समानता बनाने में मदद मिलेगी।
महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों, खासतौर से जघन्य अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए त्वरित अदालतों के साथ ही पुलिस अधिकारियों की विशेष टीमों का गठन भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा “ आपका काम ऐसा होना चाहिए कि जब किसी महिला के खिलाफ कोई अपराध हो तो उसे आपसे मदद मांगने में किसी तरह का डर या हिचकिचाहट नहीं हो। ”
देश में अपराधों की तुलता में सजा की दर में कमी को पहले से ही चिंता का कारण बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस विभागों को अपनी जांच और खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमताओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
श्री नायडू ने कहा कि न्याय में होने वाली देरी को कम करने के लिए न्यायिक सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए । उन्होंने अदालतों में लंबित पड़े मामलों में कमी लाने के लिए न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों को दुरुस्त करने तथा पुलिस सुधारों के साथ एक मजबूत न्याय प्रणाली बनाने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने लोगों और विशेषकर पुलिस बलों से कानून का अनुपालन करने वाले समाज के निमार्ण में मदद करने की अपील करते हुए कहा कि कानून का सम्मान जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने पुलिस बलों से अपराधों की रोकथाम पर विशेष रूप से जोर देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों को काम काज का ऐसा मॉडल अपनाना चाहिए जो आम नागरिकों को कानून का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करे।
श्री नायडू ने कहा कि गुजरात पुलिस को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किया जाना उसकी वीरता तथा राष्ट्र के प्रति उसकी समर्पित और अथक उत्कृष्ट सेवाओं को मान्यता प्रदान करना है। उन्होंने शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाने तथा प्रशिक्षण के माध्यम से अपना कौशल निखारने के लिए गुजरात पुलिस के समस्त अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस बलों को चाहिए कि वह जनसेवा के प्रति खुद को ज्यादा समर्पित और सक्रिय बनाएं ताकि पुलिस बलों पर विश्वास हमेशा बना रहे। उन्होंने सुझाव दिया कि आधुनिक समय के अपराधों से निबटने के लिए पुलिस तंत्र में ढांचागत सुधारों, मानव संसाधन बलों की कमी, आईसीटी से संबंधित प्रशिक्षण के साथ ही फोरेंसिक जांच ,कानून, साइबर अपराधों और वित्तीय नियमों से संबंधित जानकारी को और पुख्ता बनाए जाने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए “पुलिस बलों के आधुनिकीकरण” पर हाल ही में घोषित व्यापक योजना एक स्वागत योग्य कदम है।
इससे पहले, श्री नायडू ने गुजरात पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान ने राष्ट्र को संप्रभुता और गौरव दिलाया है। उन्होंने कहा कि भारत-पाक युद्ध,अक्षरधाम हमले तथा अहमदाबाद में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट के समय गुजरात पुलिस की ओर दिखाए गए साहस और जवाबी कार्रवाई को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उपराष्ट्रपति ने शांति और स्थायित्व के जरिए राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में अहम योगदान के लिए गुजरात पुलिस की सराहना की और कहा कि शांति और स्थायित्व के मजबूत आधार पर ही प्रगति का निर्माण संभव है।
इस अवसर पर गुजरात पुलिस का एक नया प्रतीक चिन्ह भी जारी किया गया।
गुजरात के मुख्य मंत्री विजय रूपाणी, उप मुख्य मंत्री श्री नितिनभाई पटेल, राज्य के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा,मुख्य मंत्री के प्रमुख सचिव श्री कैलाशनाथन, गुजरात की अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव श्रीमती संगीता सिंह और राज्य के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा इस अवसर पर उपस्थिति गणमान्य लोगों में शामिल थे।