नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों संस्थाओं, संगठनों, राज्यों और जिलों आदि को आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चन्द गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री रामदास आठवले, श्री विजय सापंला सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कुल 56 व्यक्तियों और 16 संस्थाओं को इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया।
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि पुरस्कार प्रदान किया जाना एक बेहद अर्थपूर्ण और पवित्र काम है क्योंकि भारत “केयर और शेयर” के अपने दर्शन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम शारीरिक रूप से अशक्त अपने भाई-बहनों की देखरेख करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांग जनों का कौशल विकास बेहद जरूरी है। इस दिशा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सराहनीय काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोग दूसरों के लिए एक उदाहरण हैं। श्री नायडू ने कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति नहीं बल्कि संवेदना की जरूर है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिव्यांगजन में एक प्रतिभा निहित है जिसे बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस अवसर पर पुरस्कार प्राप्त करने वालों को बधाई दी
श्री थावर चन्द गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए सभी लोगों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में भारत सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए कई पहल की हैं। इसके लिए 7500 से ज्यादा शिविर लगाए गए जिससे 12 लाख से ज्यादा दिव्यांगजन लाभान्वित हुए। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस वर्ष 14 श्रेणियों में 72 पुरस्कार प्रदान किए गए।