नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को शुभकामनाएं दी हैं। भारत के नागरिकों के लिए एक संदेश में, उन्होंने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और लोगों से राष्ट्र की एकता और अखंडता को और सुदृढ़ बनाने का आह्वान किया जिससे कि समावेशी, समृद्ध, प्रगतिशील और सद्भावनापूर्ण भारत का निर्माण हो सके।
उपराष्ट्रपति के संदेश का पूर्ण मूलपाठ निम्नलिखित हैः-
“मैं गणतंत्र दिवस समारोह के आनंदपूर्ण अवसर पर अपने देश के समस्त नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। 1950 में इसी ऐतिहासिक दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।
आज अपनी स्वतन्त्रता का उत्सव मनाते हुए, आइये हम उन वीर पुरुषों और महिलाओं को सम्मानपूर्ण श्रद्धांजलि भी अर्पित करें जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये।
हमारा संविधान एक पवित्र दस्तावेज है जो हमारे मार्गदर्शक और नैतिक दिग्दर्शक के रूप में कार्य करता है। आइए, आज हम संविधान और स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व एवं सभी के लिए न्याय के पोषित आदर्श जो इस महान राष्ट्र के निर्माण का आधार बने, के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराएं।
आइए, हम प्रतिज्ञा करें कि हम संविधान द्वारा अधिदेशित मूल कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करेंगे और राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदारी करने वाले जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
आज जब भारत निरंतर प्रगति कर रहा है और आधुनिक अर्थव्यवस्था, प्रगतिशील समाज तथा विविधतापूर्ण एवं जीवंत सांस्कृतिक लोकाचार के गुणों के आधार पर इस समसामयिक विश्व में पहले से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, आइए, एक बार फिर हम दृढ़तापूर्वक यह संकल्प करते हैं कि एक राष्ट्र के रूप में हम उभरती हुए चुनौतियों का मिलकर सामना करने और अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ने के लिए संगठित बने रहेंगे।
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर इस विशाल और विविधतापूर्ण राष्ट्र की एकता और अखंडता को और भी सुदृढ़ बनाएं। आइए, प्रयोजनगत एकता के इस मजबूत बंधन को एक समावेशी, समृद्ध, प्रगतिशील, शांतिपूर्ण और समरसतापूर्ण राष्ट्र के निर्माण के लिए अपने सभी प्रयासों की प्रेरक शक्ति बनाएं।”