16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उपराष्ट्रपति ने निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था में पुनः तेजी आने का भरोसा जताया

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने आज एक कार्यक्रम में निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था में पुनः तेजी आने का भरोसा जताया और कहा कि वर्तमान मंदी अस्थायी है।

इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के 102 वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह सच है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में कुछ चुनौतियों का सामना कर रही है, जिससे वृद्धि में कमी आई है। हालांकि उन्होंने कहा कि देश ने पूर्व एशियाई वित्तीय संकट और वैश्विक मंदी के मद्देनजर अतीत में इसी तरह की गिरावट का सामना किया था, लेकिन हर बार उच्च विकास दर को भी हासिल किया है।

सरकार द्वारा क्रांतिकारी जीएसटी ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’, दिवाला और दिवालियापन संहिता तथा काले धन पर रोकने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए श्री नायडू ने कहा कि उनका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को ज्यादा मजबूत और लचीला बनाना था।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद 66 लाख नये करदाताओं को इसके अंतर्गत पंजीकृत किया गया है, यह अर्थव्यस्था के संगठित होने की ओर बढ़ने का संकेत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एनपीए की समस्या से निपटने और बैकिंग क्षेत्र की हालत को सुधारने के लिए भी कदम उठाए हैं।

यह देखते हुए कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रही है, उपराष्ट्रपति ने आगाह किया कि दीर्घावधि में विभिन्न छूट और सब्सिडी को जारी नहीं रखा जा सकता है। ग्रामीण अर्थव्यस्था में विविधता लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्र की गैर-कृषि गतिविधियां समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

श्री नायडू ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का हमारा राष्ट्रीय संकल्प है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को टिकाऊ और लाभकारी बनाने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा, कृषि उत्पादों के लिए बड़े बाजारों तक पहुंच, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, भंडारण और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सम्मेलन के विषयों में से एक राजकोषीय संघवाद का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि अधिकांश राज्यों ने अपने वित्तीय घाटे को लगभग 3 प्रतिशत तक बनाये रखा है, यह कम पूंजीगत व्यय की लागत पर संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि “ब्याज और पेंशन के भुगतान के लिए प्रतिबद्ध देनदारियों में वृद्धि हुई है, जिससे बुनियादी ढांचे के विकास पर पूंजीगत व्यय के लिए उनके बजट का केवल एक छोटा हिस्सा बचा है।”

इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के 102वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में किया गया।

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, इंटरनेशनल इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. कौशिक बसु, इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर महेंद्रदेव, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर केसरी लाल वर्मा और देशभर एवं विश्व के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More