नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज (21.07.2015) ‘कश्मीर द वाजपेयी इयर्स’ पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग – रॉ के पूर्व प्रमुख श्री ए.एस. दुल्लत और वरिष्ठ पत्रकार श्री आदित्य सिन्हा द्वारा रचित है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक दुर्लभ अवसर है और यह गणराज्य की अस्वस्थता नहीं, बल्कि स्वस्थता का संकेत है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही शासन कला की आवश्यकताओं में खुफिया कार्रवाइयों को अंजाम देना और खुफिया एजेंटों का इस्तेमाल करना जरूरी रहा है। कौटिल्य ने शासन कला की जरूरतों के बारे में एक पूरा खंड लिखा है। 11वीं सदी में निजाम-उल- मुल्क ने इस बारे में बहुत बारीकी से लिखा है। वे लिखते हैं राजा के पास ‘अनिवार्य रूप से संदेशवाहक’ होने चाहिए। वे लिखते हैं कि यह बड़ा नाज़ुक काम है, जिसमें कुछ वैमनस्य हो सकते हैं, ये काम ऐसे लोगों के हाथों, ज़ुबान और कलम को सौंपा जाना चाहिए, जो पूरी तरह शक के दायरे से बाहर हों और जिनका कोई अपना स्वार्थ न हो, क्योंकि देश का कल्याण और तकलीफ उन पर निर्भर करेगी।
इस पुस्तक में श्री ए.एस. दुल्लत ने कश्मीर को हाशिए से वापस लाने में हुई कठिनाइयों, सफलताओं और इस दिशा में किये गये प्रयासों में मिली लगभग सफलताओं का उल्लेख किया गया है।