नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली में कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के प्रस्तावित कार्यालय कौशल भवन की आधारशिला रखी। कौशल भवन में मंत्रालय से संबंधित अनेक कार्यालय भी होंगे। इस अवसर पर कौशल विकास तथा उद्यमिता, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, स्थानीय सांसद श्रीमती मिनाक्षी लेखी, कौशल विकास तथा उद्यमिता सचिव श्री के पी कृष्णन, प्रशिक्षण महानिदेशक श्री राजेश अग्रवाल तथा एनबीसीसी के सीएमडी श्री ए के मित्तल उपस्थित थे।
कौशल भवन नई दिल्ली के न्यू मोती बाग में 1.354 एकड़ जमीन में 172 करोड़ रूपये की लागत से बनाया जाएगा। इसमें तीन बेसमेंट तथा उपर 8 मजिंल होंगे जिसमें आधुनिक कार्यालय, ऑडिटोरियम , मिनी कंवेंशन सेंटर , प्रशिक्षण कक्ष, योग हॉल, क्रेच, खेल सुविधाएं तथा जिम होंगे। यह भवन 18 महीने में बन कर तैयार हो जाएगा। कौशल भवन ऊर्जा सक्षम होगा तथा कॉमन एरिया और बाहरी प्रकाश के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा।
कौशल भवन की आधारशिला ऱखने के बाद उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत युवा तथा महत्वकांक्षी देश है क्योंकि 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। उन्होंने कहा कि देश में 48 करोड़ कार्यबल है और इसमें प्रति वर्ष 1 करोड़ कार्यबल जुड़े रहे हैं। उन्होने कहा कि जनसांख्यिकी लाभ प्राप्त करना विशिष्ट अवसर के साथ-साथ चुनौती भी है। उन्होंने कहा कि कौशल और ज्ञान आर्थिक विकास को प्रेरित करते हैं, इसलिए कौशल और ज्ञान को नियमित रूप से अद्यतन और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सियों ने भारत की रेटिंग बढ़ाई है और विभिन्न पैमानों पर तथा विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर को लेकर रेटिंग में वृद्धि हुई है। ।
इस अवसर पर कौशल विकास तथा उद्यमिता , पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि किस तरह भारत सरकार के सबसे युवा मंत्रालय ने बड़ी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अपनी स्थापना के 5 वर्षो के भीतर बड़ी संख्या में लोगों के कौशल और प्रतिभा को बढाकर परिवर्तन का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह सुख्द संयोग है कि कौशल भवन के लिए जमीन का आवंटन श्री वेंकैया नायडू के शहरी विकास मंत्रालय के कार्यकाल में हुआ और श्री नायडू ने उपराष्ट्रपति के रूप में इसकी आधारशिला रखी।