नई दिल्ली: भारत पाक संबंधों में एक नये अध्याय की शुरूआत करते हुए उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने सोमवार को गुरु नानक देव जी की 550वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में डेरा बाबा नानक के मान गांव में करतारपुर कारीडोर की आधारशिला रखी। यह कारीडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान में करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक की तीर्थयात्रा को सुगम बनायेगा। आशा है कि इस प्रकार के संपर्कों से दोनों देशों के मध्य तनाव कम करने में सहायता मिलेगी।
आधारशिला रखते हुए, उपराष्ट्रपति ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने बताया ‘यह हमारी पुरानी मांग रही है कि सिख बहनों और भाइयों की करतारपुर तक की तीर्थयात्रा को सुगम बनाया जाये।’ उन्होंने कहा इस मांग पर दो दशक पहले विमर्श हुआ था और आज यह स्वप्न पूर्ण हो रहा है।
उन्होंने कहा आज का दिन सचमुच हमारी भावी नियति का निर्धारण करेगा और बदलाव की नयी राह दिखायेगा। इस कारीडोर को पाकिस्तानी भाग में भी विकसित करने की भारत की मांग को स्वीकार किये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘यह कारीडोर हमें पूज्यनीय गुरु और उस स्थान से जोड़ेगा जहां उन्होंने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये।’ पूज्यनीय गुरु नानक देव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘वे संत, विद्वान, कवि, पथ-प्रदर्शक तथा क्रांतिकारी विचारक थे जिन्होंने पिछले पांच शताब्दियों से अधिक समय से मानवता के उत्कर्ष को प्रकाशित किया है।’
इस कारीडोर को दोनों देशों के नागरिकों और उनकी साझा संस्कृति के बीच एक महत्वपूर्ण पुल मानते हुए, उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि यह कारीडोर दोनों देशों के नागरिकों और उनकी सांझी विरासत के बीच नयी संभावनाओं के नये द्वार खोलेगा और नागरिकों को प्रेम, भाईचारे और साझी आध्यात्मिक विरासत के अदृश्य धागे से जोड़गा। उन्होंने कहा ‘यह कारीडोर शांति, सौहार्द और मानवता की पवित्र पीठ का मार्ग है, यह उस सार्वभौमिक दर्शन का मार्ग है जो अखिल विश्व को एक परिवार मानता है, यह मानव सेवा के उदार आदर्श का मार्ग है।’
श्री नायडु ने कहा कि ‘भारतीय परंपरा में सदियों से वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना को अपने विश्वदर्शन में अंगीकार किया गया है और आज का यह अवसर इस विश्वास को और दृढ़ करता है।’
पूज्यनीय गुरु नानक देव जी की 550वीं जन्म जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई पहलों की सराहना करते हुए, श्री नायडु ने कहा कि गुरु नानक देव जी का दर्शन कालातीत है। वह आज कहीं अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि इस कारीडोर का निर्माण टीम इंडिया के रूप में केन्द्र और राज्य सरकारों के साझा सम्मिलित प्रयासों से हो रहा है।
हाल में बढती आतकंवादी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा आतंकवाद वैश्विक समस्या है और इसके विरूद्ध विश्व समुदाय के साझा प्रयासों की आवश्यकता है। हमे सम्मिलित रूप से एक न्यायपूर्ण और उत्तरदायी विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करना चाहिए जिससे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र की व्यापक संधि पर शीघ्र अंतिम निर्णय हो सके। हम आतंकवाद के इस अंधकार को और अधिक मानवता के विकास का मार्ग अवरूद्ध करने नहीं दे सकते।
उपराष्ट्रपति ने ज़ोर दे कर कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि अतांकवादियों द्वारा मासूम लोगों की अकारण हत्या की कड़े शब्दों में भर्त्सना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा ये क्षेत्र अशिक्षा, लैंगिक भेदभाव जैसी कुरीतियों से जूझ रहा है, जिनके विरुद्ध युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के लोग शांति और विकास की आकांक्षा रखते हैं और इस दिशा में साझे प्रयास किए जाने चाहिए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, हरसिमरत कौर, हरदीप सिंह पुरी तथा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।