नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में श्री एम. रईसुर्ररहमान द्वारा लिखित पुस्तक ‘लोकेल, एवरीडे इस्लाम और मॉडर्निटी’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति ने कहा कि इतनी उपयोगी पुस्तक को पढ़कर उन्हें बेहद खुशी हो रही है
जो वास्तव में कस्बों पर उत्तर भारत का इतिहास है। इतिहास में जाकर यह पता लगता है कि कस्बों की संख्या अचानक कैसे कम होने लगी और ये कैसे अचानक गायब हो गए। इसका कारण निश्चित तौर पर आर्थिक रहा है क्योंकि लोगों को अपनी आजीविका के लिए अपनी जगह को छोड़ना पड़ा। उन्होंने इतनी उपयोगी पुस्तक लिखने के लिए लेखक को बधाई दी।
यह पुस्तक औपनिवेशिक भारत को अत्यधिक बुद्धिजीवी और सांस्कृतिक गतिविधि के एक महत्वपूर्ण और आकर्षक केन्द्र के रूप में प्रस्तुत करती है। पुस्तक में बताया गया है कि मुस्लिमों में आधुनिकता का उद्भव उनके औपनिवेशिक मिलन के दौरान एक प्रक्रिया थी जिसमें कस्बा निवासी सक्रिय एजेंट थे और इस्लाम जिसका उद्भव हुआ था वह रोजमर्रा का जीवन था। इस पुस्तक के जरिये लेखक ने बताया है कि क्यों स्थानीय निवासी प्रमुख पहचान सूचक बन गए थे और क्यों कस्बे अतीत की यादें दिलाते रहे हैं। लेखक अमरीका में उत्तरी स्थित वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी, विन्स्टन-सेलम में इतिहास विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।