नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केन्द्र में आयोजित एक समारोह में ‘लोकतंत्र के स्वर’ (खंड-2) तथा ‘रिपब्लिकन एथिक’ (खंड-2) पुस्तकों का विमोचन किया। दोनों पुस्तकें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द के कार्यकाल के दूसरे वर्ष (जुलाई, 2018 से जुलाई, 2019) में दिए गए 95 भाषणों का संकलन है। इन पुस्तकों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किया है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण देश के विज़न, आंकाक्षाओं और स्वभाव का प्रतिनिधित्व करते हैं और नए भारत की रूपरेखा का प्रतीनिधित्व करते हैं। पुस्तकें उनके विवेक तथा दूरदर्शी विश्व दृष्टि का संकलन है। उन्होंने इन पुस्तकों को भारत की शक्ति में विश्वास बताया। उपराष्ट्रपति ने पुस्तकों के प्रमुख भागों का उद्धरण दिया। उन्होंने कहा कि किस तरह राष्ट्रपति ने युवा अधिकारियों के लिए प्रेरणा का कार्य किया है। उन्होंने आशा व्यक्ति की कि राष्ट्रपति के चिंतन और विचार इन पुस्तकों के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुंचेंगे।
राष्ट्रपति के भाषणों से वसुधैव कुटुम्बकम का हवाला देते हुए श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है और दूसरे देशों से झगड़ने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी दर्शन के कारण भारत ने किसी देश पर हमला नहीं किया है। लेकिन यदि कोई देश हम पर आक्रमण करता है तो भारत माकूल जवाब देगा, जिसे आक्रमणकारी देश जीवनभर भूल नहीं सकता।
केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति ने सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है और यह पुस्तक में दिए गए राष्ट्रपति के भाषणों में दिखता है।
केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रकाशन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि ई-मोड के पाठकों की मांगे पूरी करने के लिए दोनों पुस्तकें किंडल तथा ऐप स्टोर जैसे सभी ई-प्लेटफॉर्मों से खरीदे जा सकते है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के भाषण के आठ श्रेणियों में बांटा गया है। यह ‘एड्रेसिंग द नेशन, विंडोज टू द वर्ल्ड, एडुकेटिंग इंडियाः इक्यूपिंग इंडिया, धर्म ऑफ पब्लिक सर्विस, ऑनरिंग ऑवर सेंटीनल्स, स्पीरिट ऑफ कान्स्टिटूशन एंड लॉ, एकनॉलेजिंग एक्सेलेंस’ तथा महात्मा गांधीः मोरल एकजेम्पलर, गाइंडिंग लाईट’।
सूचना प्रसारण सचिव श्री अमित खरे ने कहा कि पुस्तक में प्रकाशित भाषण पूरे विश्व को राष्ट्रपति के चिंतन और विचारों का ज्ञान देंगे।