नई दिल्ली: उप-राष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू 14 से 20 सितंबर 2018 तक तीन देशों सर्बिया, माल्टा और रोमानिया की आधिकारिक यात्रा पर थे और इस सफल यात्रा के बाद आज भारत लौट आए हैं।
इस यात्रा के दौरान सरकारों के प्रमुखों, पीएम और अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ अत्यंत सौहार्दपूर्ण माहौल में वार्ता हुई। इस यात्रा से इन तीनों देशों में से प्रत्येक देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गहरा बनाने में काफी मदद मिली।
कुछ महत्वपूर्ण परिणाम:
- यूएनएससी में भारत की दावेदारी के लिए समर्थन और साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए भी समर्थन।
- अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सम्मेलन को प्रारंभिक तौर पर अपनाने के लिए समर्थन और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रूख का समर्थन।
- रोमानिया का यूरोपीय संघ के अध्यक्ष बनने के बाद यूरोपीय संघ-भारत व्यापार समझौते को फिर से शुरू करने के लिए मजबूत समर्थन।
- व्यापार मंचों के माध्यम से भारत के परिवर्तनीय पहलों के बारे में उपराष्ट्रपति द्वारा जानकार हर देश के उद्योगपतियों और व्यापारियों के बीच उत्साह का एक अच्छा वातावरण पैदा हुआ है। उपराष्ट्रपति ने विश्व बैंक और आईएमएफ द्वारा जारी विकास की कहानी और रिपोर्ट, को उद्धृत कर जागरूकता को और बढ़ा दिया है।
- सभी देशों के नेताओं ने भारत के आर्थिक विकास की प्रशंसा की और राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से भारत के साथ जुड़ने और साझेदारी करने के लिए काफी उत्सुकता दिखाई। रोमानिया ने अंतरिक्ष और एयरोस्पेस के क्षेत्र में गहरी रूचि दिखाई। माल्टा ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की।
- संसदीय दोस्ती समूहों और संसद सदस्यों के लगातार दौरे की स्पष्ट मांग की गई।
- इस यात्रा ने भारतीयमूल के लोगों के लिए भारत सरकार के परिवर्तनीय एजेंडा के बारे में उपराष्ट्रपति से जानने का अवसर मिला और उन्हें विभिन्न तरीकों से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जिसमें वे देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। उपराष्ट्रपति ने विश्व स्तर पर भारत के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया और चार महत्वपूर्ण विशेषताओं पर ध्यान आकर्षित किया जिन्हें पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने उन्हें 4 डी – लोकतंत्र, जनसांख्यिकीय लाभांश, मांग और डायस्पोरा कहा।
- इस यात्रा ने शीर्ष राजनीतिक स्तर पर बहुत रुचि पैदा की और इसकी झलक सभी बैठकों में भी दिखाई दिया। सर्बिया और माल्टा के राष्ट्रपति के साथ-साथ रोमानिया के सीनेट के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोजों में भी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर प्रदान किया।
- सर्बियाई संसद को संबोधन के बाद और भारत के लिए सबसे बड़ी लोकतंत्र और एक जीवंत, अच्छी तरह से काम करने वाली राजनीति के रूप में प्रशंसा की झलक उप-राष्ट्रपति के भाषण के अंत में सर्बियाई सांसदों ने खड़े होकर दिया।
- संयंत्र संरक्षण, पर्यटन, वायु सेवाओं, तेल अनुसंधान, राजनयिक प्रशिक्षण और समुद्री सहयोग से संबंधित क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
- सभी तीनों देशों ने योग और आयुर्वेद में काफी रूचि दिखाई तथा रोमानिया में उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेद पर दो पुस्तकों का विमोचन भी किया एवं एक आयुर्वेद सूचना केंद्र का उद्घाटन किया।
उपराष्ट्रपति के साथ इस यात्रा में वित्त राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्ला, तीन राज्य सभा सांसद- श्री प्रसन्ना आचार्य, श्रीमती विजयन सत्यनाथ, सुश्री सरोज पांडे और एक लोकसभा सांसद – श्री राघव लखनपाल एवं अन्य अधिकारी भी गए थे।