19.9 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उपराष्ट्रपति ने भारत को उच्च शिक्षा का वैश्विक हब बनाने की जरूरत पर बल दिया

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वैंकेया नायडू ने लोगों से भारत को उच्च शिक्षा का वैश्विक हब बनाने का आह्वान किया और विश्वविद्यालयों, शिक्षाविदों तथा नीति निर्माताओं से शैक्षणिक मानकों को विश्व के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के समान स्तर पर लाने का आग्रह किया।

किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय को 100 अग्रणी वैश्विक संस्थानों में स्थान प्राप्त नहीं हुआ है। इस तथ्य पर चिंता करते हुए श्री नायडू ने कहा कि एनएएएसी और यूजीसी को शिक्षा प्रणाली पर फिर से विचार करना चाहिए, इसकी कमियों को दूर करना चाहिए तथा 21वीं शताब्दी की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रमों में बदलाव करना चाहिए।

बैंगलुरू में आज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएएसी) के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने कुछ विश्वविद्यालयों के अशांत वातावरण के प्रति चिंता व्यक्त की और शांति बनाए रखने का आह्वान किया।

श्री नायडू ने कहा कि विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान शिक्षा प्राप्ति के पवित्र संस्थान होते हैं। संस्थानों को अनुशासन और शालीनता के उच्च मानकों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व पाठ्यक्रम संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। शैक्षणिक संस्थानों को विभाजनकारी प्रवृत्तियों और गुटबाजी का स्थान नहीं बनना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा प्रणाली की यह जिम्मेदारी है कि वह मॉडल वैश्विक नागरिक तैयार करे जो एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान कर सकें। जो छात्र पढ़ाई पूरी करके संस्थान छोड़ते हैं उनमें समाज के प्रति संवेदना और जिम्मेदारी होनी चाहिए।

श्री नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार से ‘बिना चरित्र के ज्ञान’ एक पाप है। आज के समय में ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जो नैतिक मूल्यों और करुणा की भावना जगाने में सक्षम है। शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों को भारत के स्वर्णित विरासत, संस्कृति और इतिहास के प्रति जागरूक बना सके। भारत के प्राचीन शिक्षा स्थल – नालंदा, विक्रमशिला और तक्षशिला की विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा थी। विश्वविद्यालयों को प्राचीन वैभव प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

श्री नायडू ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे उत्कृष्टता केन्द्र में परिणत होने का आग्रह किया जहां छात्र एक सफल और सुखद जीवन के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मनोवृत्ति प्राप्त करते हैं।

इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री वजुभाई वाला, एनएएसी के निदेशक प्रोफेसर एस.सी. शर्मा, सलाहकार डॉ. अमीय कुमार रथ तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद और प्रोफेसर उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More