नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों से आग्रह किया है कि वे लोगों, विशेषकर युवाओं के बीच बदलती जीवनशैली से उत्पन्न खतरों के बारे में जागरूकता जगायें।
आज हैदराबाद में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन करने के बाद श्री नायडू नेगैर-संचारी रोगों की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से गतिहीन जीवन शैली और अस्वास्थ्यकर आहार आदतों से दूर रहने की अपील की।
उपराष्ट्रपति ने युवाओं से जंक फूड से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि पारंपरिक भारतीय भोजन मौसम के अनुरूप और भारतीय जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है।
स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की आवश्यकता पर बल देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि गैर-संचारी रोगों का प्रसार, स्वास्थ्य सेवा के लिए असमान पहुंच और बढ़ती लागत, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियां हैं। स्थिति का अनुमान लगाने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान करते हुए, उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों, सरकारी एजेंसियों, अस्पतालों और चिकित्सकों सहित सभी हितधारकों को इस संबंध में सामुदायिक स्तर से साथ मिलकर काम करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए शहरी-ग्रामीण दूरी को कम करने का भी आहवान किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की दिशा में सरकार के प्रयासों के पूरक के रूप में निजी क्षेत्र को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल, बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन जैसी कमियों को दूर करने के लिए मेडिकल कॉलेज से उर्त्तीण होने वाले युवा चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से ग्रामीण सेवा प्रदान करनी चाहिए।
इस अवसर पर स्वर्ण भारत ट्रस्ट के अध्यक्ष, डॉ. कामिनेनी श्रीनिवास, पंजाब नेशनल बैंक के कार्यकारी निदेशक, श्री लिंगनानी प्रभाकर, केयर हॉस्पिटल के अध्यक्ष, डॉ. बी. सोमाराजू, ट्रस्ट बोर्ड, बसावनकम इंडो अमेरिकन कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के कोषाध्यक्ष श्री जे.एस.आर प्रसाद और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।