नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू गुट निरपेक्ष आंदोलन के राष्ट्राध्यक्षों के 18वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन 25-26 अक्टूबर, 2019 को अज़रबेजान की राजधानी बाकू में किया जा रहा है। शिखर सम्मेलन के बाद वरिष्ठ अधिकारियों तथा मंत्रिस्तरीय बैठकें होंगी।
18वें गुट निरपेक्ष सम्मेलन की विषयवस्तु “समकालीन विश्व की चुनौतियों का समुचित और समेकित जवाब देना सुनिश्चित करने के लिए बानदुंग सिद्धांतों का पालन” है। उल्लेखनीय है कि विश्व शांति और सहयोग को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता के मद्देनजर 1955 में एशिया-अफ्रीका सम्मेलन में बानदुंग के दस सिद्धांतों को स्थापित किया गया था। यह विषयवस्तु इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2020 में बानदुंग सिद्धांतों की 65वीं वर्षगांठ और 2021 में गुट निरपेक्ष आंदोलन की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। भारत गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापकों में से एक है और इस आंदोलन की स्थापना 29 सदस्यों के साथ 1961 में की गई थी। इसकी सदस्य संख्या बढ़कर अब 120 हो गई है और इस तरह यह देशों का सबसे बड़ा समूह बन गया है।
इस शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, शांति और सुरक्षा को खतरा, संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत् विकास, आर्थिक तंत्र तथा दक्षिण-दक्षिण सहयोग जैसे समकालीन विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में उपराष्ट्रपति की भागीदारी से गुट निरपेक्ष आंदोलन और उसके सदस्य देशों के साथ भारत के सहयोग को मजबूती मिलेगी।
उपराष्ट्रपति शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय वक्तव्य देंगे तथा सम्मेलन के इतर राष्ट्राध्यक्षों तथा मेज़बान देश के राष्ट्रपति के साथ चर्चा करेंगे। बैठक के दौरान उपराष्ट्रपति इस बात पर बल देंगे कि आतंकवाद के खिलाफ जंग के लिए विश्व समुदाय को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे बहुस्तरीय निकायों के सुधार के प्रति जागरूक होना चाहिए। वे बाकू में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित स्वागत सम्मेलन में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
उपराष्ट्रपति के नेतृत्व में बाकू की यात्रा पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर, संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि श्री सैयद अकबरुद्दीन और उपराष्ट्रपति के सचिव श्री आई.वी. सुब्बा राव शामिल हैं।