उत्तराखण्ड: अपर पुलिस महानिदेशक,अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र/पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊ परिक्षेत्र एवं समस्त जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर गृह मंत्रालय, भारत सरकार की अपेक्षानुसार पूरे देश में दिनांक 01.07.2015 से एक माह का ऑपरेशन स्माइल का विशेष अभियान चलाने हेतु निर्देशित करते हुये निम्न दिशा निर्देश दिये गये-
1- राज्य में ऑपरेशन स्माइल का यह विशेष अभियान पूर्व प्रशिक्षित टीमों द्वारा ही चलाया जायेगा। उक्त अभियान हेतु माह जून 2015 में कार्ययोजना तैयार कर उन पर अमल किया जायेगा।
2- जून के प्रथम सप्ताह में सम्बन्धित वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक द्वारा टीमों में नियुक्त पुलिस कर्मियों हेतु 03 दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर टीम के समस्त सदस्यों को बच्चों से सम्बन्धित प्रचलित समस्त कानूनी/ विधिक प्राविधानों एवं बच्चों से पूछताछ करते समय माननीय उच्चतम न्यायालय,मानवाधिकार आयोग एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये।
3- उक्त अभियान की सफलता हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थय कल्याण विभाग, अभियोजन,श्रम विभाग एवं एन0जी0ओ0, चाइल्ड हेल्प लाईन, संप्रेक्षण गृह की सहभागिता भी अपेक्षित है। अतः कार्यशाला में उक्त सभी विभागों के नोडल अधिकारियों को भी सम्मिलित किया जाये।
4- माह जून 2015 के द्वितीय सप्ताह में वर्ष 2000 से मई2015 तक तलाश हेतु शेष पंजीकृत गुमशुदा बच्चों का जनपदों में गठित टीमों द्वारा भौतिक सत्यापन कर डीसीआरबी में आंकड़े अद्यावधिक कर लिए जाये।
5- दिनांक 01.07.2015 से प्रदेश के ऐसे स्थान जहां बच्चों के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स/आश्रय गृहों/ढाबों/कारखानों/बस अड्डा/रेलवे स्टेशन/रेड लाईट एरिया/सड़कों/धार्मिक स्थानों आदि में अभियान को चलाया जाये।
6- उक्त सभी स्थानों पर रहने वाले समस्त बच्चों से प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों द्वारा पूछताछ की जाये। अभियान में बरामद बच्चों को नियमानुसार उनके परिजनों के सुपुर्द किया जाये एवं जिन बरामद बच्चों (उत्तराखण्ड एवं अन्य राज्य) के परिजनों के सम्बन्ध में जानकारी न मिल सके उनकी फोटो एवं विवरण तैयार किया जाये। यदि आवश्यकता हो तो उनकी वीडियो रिकार्डिंग भी तैयार की जाये।
7- उक्त बच्चों का पूर्ण विवरण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मिसिंग चाइल्ड वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाये।
8- ऐसे बरामद बच्चे जिनके परिजनों के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त न हो सके उनका विवरण समाचार पत्रों एवं इलैक्ट्रिोनिक मीडिया के माघ्यम से प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि बच्चे के परिजन, रिश्तेदार एवं स्थानीय पुलिस को उसकी जानकारी प्राप्त हो सके।
9- ऐसे सम्भावित राज्य/महानगर जहाँ प्रदेश के गुमशुदा बच्चे बरामद होने की सम्भावना हो परिक्षेत्र के माध्यम से टीमें गठित कर भेजी जाये।
इसके साथ ही श्री रतूड़ी ने राज्य की अपराध एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा कर पुलिस महानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र/पुलिस उपमहानिरीक्षक, कुमायूं परिक्षेत्र एवं समस्त वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक को निम्न दिशा निर्देश दिये गये-
1- माह जनवरी 2015 से मई 2015 तक प्रदेश में लूट, गृह भेदन, वाहन चोरी, बलात्कार, हत्या, अन्य चोरी पर अंकुश लगाने तथा निरोधात्मक कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है।
2- कैदियों को पेशी में ले जाते समय सुरक्षा सम्बन्धी निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये।
3- रात्रि गश्त पर विशेष ध्यान दिया जाये व वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक द्वारा रात्रि गश्त की चैकिंग करायी जाये।
4- चार धाम यात्रा के दृष्टिगत् यातायात को ओर अधिक सुरक्षित किये जाने हेतु आवश्यक प्रयास किये जाये।
5- मादक पदार्थों की तस्करी व सेवन सम्बन्धी अपराधों पर विशेष ध्यान दिया जाये। विशेष रूप से देहरादून/हरिद्वार/ऊधमसिंह नगर एवं नैनीताल में मादक पदार्थों के अपराधों की रोकथाम हेतु बने सेल का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वयं निकट पर्यवेक्षण किया जाये।