लखनऊ: उ0प्र0 विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित को मध्य प्रदेश की साहित्यिक संस्था मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा ने ‘स्व0 श्रीमती उर्मिला मिश्रा राष्ट्रीय साहित्य सर्जक सम्मान’ से सम्मानित किया। सम्मान का यह कार्यक्रम बीती सांय देर तक चला। श्री दीक्षित को मध्य प्रदेश सरकर के वरिष्ठ मंत्री नारायन सिंह व अखिल भाारतीय साहित्य परिषद के महामंत्री श्रीधर पराढ़कर ने प्रशस्ति पत्र, श्रीफल, अंग वस्त्र व 11 हजार की धनराशि से सम्मानित किया। श्री दीक्षित को 3-4 वर्ष पहले मध्य प्रदेश सरकार ने गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। पिछले माह उन्हें कोलकाता में हिन्दी साधको ने ‘विजय सिंह नाहर’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। पत्रकारिता और साहित्य के कई पुरस्कारों से सम्मानित श्री दीक्षित को 10 वर्ष पहले भुनेश्वर उड़ीसा में राष्ट्रधर्म का ‘भानु प्रताप शुक्ल’ पत्रकारिता पुरस्कार भी मिल चुका है।
श्री दीक्षित ने ऐसे सम्मानों के बारे में कहा है कि साहित्य का उद्देश्य लोकमंगल होता है। उन्होनें साहित्य शब्द की व्याख्या भी उन्होने की और कहा कि यह स-हित से बना है। उन्होंने यूरोप के साहित्य से भारतीय साहित्य की तुलना भी की और कहा कि यूरोप के साहित्य में द्वन्द्व व तनाव ज्यादा है। प्राचीन भारतीय साहित्य आनन्द रस से भरापूरा है। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नारायन ंिसंह ने श्री दीक्षित की उपलब्धियों की प्रशंसा की और कहा कि राजनीति में होकर भी उत्कृष्ट लेखन करते हैं यह अद्वितीय है।