लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि खादी का उत्पादन बढ़ाने के लिए सोलर चर्खे दिए जायेंगे। प्रथम चरण में 400 कत्तिनों में सोलर चर्खे वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा सोलर चर्खे से बनने वाली खादी पर 25 प्रतिशत छूट देने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही निर्णय ले लिया जायेगा। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिन कत्तिनों में सोलर चर्खों का वितरण किया जाना है, उनकी सूची तत्काल मुख्य कार्यपालक अधिकारी को उपलब्ध करा दी जाय। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
श्री पचैरी आज उद्यान भवन के सभागार में खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के कार्याे की समीक्षा कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर प्रशिक्षित 10 कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक वितरित किये जायेंगे और आने वाले समय में प्रत्येक कुम्हारों को टूलकिट प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि कुम्हारों को मिट्टी खनन के पट्टे देने के साथ ही उनको प्रशिक्षित करने का कार्य किया जायेगा। इसके अलावा कुम्हारों के उत्पादों की मार्केटिंग में भी सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने इसके लिए कुम्हारी कला मंे लगे लोगों के सर्वेक्षण कराने के निर्देश भी दिए।
श्री पचैरी ने कहा कि खादी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। साथ ही लोगों की अर्थव्यवस्था के लिए भी अति उपयोगी है। खादी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आगामी 02 अक्टूबर से वृहद रूप में एक विशेष पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा। इसके तहत प्रदेश के सभी ब्लाकों में खादी एवं ग्रामोद्योग के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया
जायेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी पखवाड़े के आयोजन से संबंधित सभी तैयारियां समय से पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित गांवों में खादी एवं ग्रामोद्योग की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाय तथा अधिक से अधिक लोगों को विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाय।
प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल ने विभागीय कार्यों की प्रगति विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा नवम्बर माह में इंदिरागांधी प्रतिष्ठिान में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत लाभार्थियों को करीब 200 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया जायेगा। इनके अतिरिक्त ग्रामोद्योग क्षेत्र में लगे लोगों को टूल किटों का भी वितरण होगा। उन्होंने कहा कि खादी के प्रति लोगों की रूचि बढ़ाने के लिए वृहद रूप में खादी एवं ग्रामोद्योग की प्रदर्शनी लगाई जायेगी।
प्रमुख सचिव ने समीक्षा बैठक में बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग से संबंधित समस्याओं के निपटान के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय लखनऊ में ‘‘ग्रामोद्योग समाधान सेल’’ स्थापित की जायेगी। इसके साथ ही हर जिले में हेल्पडेस्क भी स्थापित की जायेगी। विभागीय कार्यों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ई-आफिस की व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। सोसाइटियों के पंजीकरण के लिए आन लाइन व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बड़े उद्योगों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं और सहूलियतें सुलभ कराई जा रही हैं, उसी प्रकार खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र के उद्यमियों को भी सुविधाएं प्रदान की जायेंगी।
श्री सहगल ने बताया कि उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से ग्रामोद्योग इकाइयों द्वारा सीबीसी (कन्सोर्शियम बैंक के्रडिट) के अन्तर्गत लिए गए ऋण पर दण्डात्मक ब्याज माफ कर दिया है। प्रदेश में 7483 इकाइयों पर कुल 37 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। बकायेदार द्वारा यदि एक मुश्त ऋण का भुगतान कर दिया जाता है, तो ऐसे लोगों से दण्ड ब्याज नहीं लिया जायेगा। उनसे केवल साधारण ब्याज ही वसूला जायेगा। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बकायेदारों से सम्पर्क कर उन्हें इस योजना की पूरी जानकारी उपलब्ध कराये और ऋण जमा करने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि नवम्बर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में उनकोे ऋण मोचन का प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जा सके।