नई दिल्ली: विशाखापत्तनम में आज ई-गवर्नेंस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हो गया। केंद्रीय इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी एवं विधि और न्याय राज्य मंत्री श्री पी. पी. चौधरी ने ई-गवर्नेंस पर 20 राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री पी. पी. चौधरी ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल अंतर को समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीयों के द्वारा अनुसंधान और विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी की अभिनव पारिस्थितिकी – प्रणाली एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों के अधिग्रहण को प्रोत्साहन देती है।
मंत्री महोदय ने कहा कि साइबर सुरक्षा समय की जरूरत है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता माध्यम से साइबर सुरक्षा की समस्या के लिए समाधान उपलब्ध कराए जायेंगे। उन्होंने कहा कि नैनो
इलेक्ट्रानिक्स माध्यम पर आधारित शिक्षा को प्राप्त करने के लिए नैनो प्रौद्योगिकी के विकास की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही देश में इलेक्ट्रानिक उपकरणों और उत्पादों के विनिर्माण में एक शानदार स्थिति में होगा।
इस अवसर पर आन्ध्र प्रदेश के सूचना और जनसंपर्क, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री श्री पल्ले रघुनाथ रेड्डी, लोकसभा सांसद डॉ. कम्भमपति, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री हरीबाबू, डीएआरपीजी के अपर सचिव श्री सी. विश्वनाथ के अलावा श्रीमति ऊषा शर्मा और विभिन्न राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों एवं गैर सरकारी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री पी. पी. चौधरी ने वर्ष 2016-17 के लिए ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।