नई दिल्लीः I. चक्रवाती तूफान सागर और अत्यंग गंभीर चक्रवाती तूफान मेकुनू के लक्षण :
· मई, 2018 के दौरान अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान सागर (16-20 मई) तथा अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान मेकुनू (21-27 मई) आया।
· चक्रवाती तूफान सागर 19 मई को भारतीय समय के अनुसार 13.30 बजे और 14.30 बजे के बीच 40 नॉट से 50 नॉट (70-80 से 95 किलोमीटर प्रतिघंटे) की रफ्तार से तेज़ हवाओं के साथ अक्षांश 10.650 उत्तर तथा देशांतर 44.00 पूर्व के निकट सोमालिया तट को पार कर गया।
· यह सैटेलाइट युग (1965 से) के दौरान 450 पूर्व अक्षांश के पश्चिम को पार करने वाला पहला चक्रवाती तूफान था।
· अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफानी मेकुनू 26 मई को भारतीय समय के अनुसार तड़के (0000-0100 के बीच) 95 से 105 नॉट (170-180 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटा) की तेज़ हवाओँ के साथ 16.850 उत्तर / 53.750 पूर्व के निकट दक्षिण ओमान और पड़ोसी दक्षिण-पूर्व यमन के तटों को पार कर गया।
· सेटेलाइन युग (1965 से आगे) के दौरान यमन पर तीव्रता के साथ पहुंचने वाला पहला चक्रवाती तूफान मेकुनू था। यह 95 नॉट की गति से हवाओँ के साथ तट को पार कर गया।
· कृपया चक्रवाती तूफान सागर और अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान मेकुनू के बारे में विस्तृत रिपोर्ट के लिए आरएसएमसी, नई दिल्ली की वेबसाइट (www.rsmcnewdelhi.imd.gov.in) पर जाएं।
II. सागर और मेकुनू के कारण नुकसान
· पहले आए इसी तरह के तूफानों की तुलना में जानमाल का नुकसान कम हुआ है यद्यपि तूफान के धरती से टकराने की गति काफी अधिक (95 नॉट) थी। ओमान तट को 75 नॉट गति की हवाओं के साथ पार करने वाले मेकुनू के कारण ओमान में चार, यमन में चार और सोकोत्रा में 20 व्यक्तियों की मृत्यु हुई।
III. निगरानी और पूर्वानुमान
· भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर हिंद महासागर के ऊपर रात-दिन निगरानी बनाई रखी। दोनों चक्रवाती तूफानों की निगरानी अरब सागर के ऊपर कम दबाव बनने के समय से की गई।
· तूफानों की मूल, रफ्तार औऱ तीव्रता के पूर्वानुमान के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सांख्यिक मौसम पूर्वानुमान मॉडलों तथा गतिमान सांख्यिकी मॉडलों का उपयोग किया गया।
विश्व मौसम संगठन द्वारा सराहना :
अन्य तैयारी उपायों के अतिरिक्त आरएसएमसी नई दिल्ली की समय पर औऱ सटीक चक्रवाती तूफान परामर्श के कारण जानमाल का नुकसान कम हुआ।
इस तरह आरएसएमसी, नई दिल्ली द्वारा जारी परामर्शों औऱ सूचना की प्रशंसा डब्ल्यूएमओ तथा ओमान, यमन और सोमालिया जैसे देशों ने की है।