लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार विश्वकर्मा समाज (बढ़ई एवं लोहार) के पात्र कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए ग्राम सभाओं में स्थित ग्राम समाज की भूमि इनके जीविकोपार्जन एवं व्यवसाय चलाने के लिए कार्यशाला खोलने या इसे स्थापित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर भूमि आवंटित करने के निर्देश समस्त जिलाधिकारियों को दिए हैं।
उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को विश्वकर्मा समाज के कारीगरों के लिए भूमि आवंटन संबंधी 2003 शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने संबंधी निर्देश पर हार्दिक बधाई दी है। ज्ञातव्य हो कि विश्वकर्मा महासभा के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा के अनुरोध पर 2003 में तत्कालीन प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव के द्वारा विश्वकर्मा समाज (बढ़ई एवं लोहार) के कारीगरों को कार्यशाला तथा वर्कशाप स्थापित करने के लिए ग्राम सभा की भूमि दिए जाने का शासनादेश जारी किया गया था। जिसका अनुपालन नहीं किया जा रहा था।
श्री विश्वकर्मा द्वारा शासन में संज्ञान में लाया गया था कि विश्वकर्मा समाज (लोहार व बढ़ई) के ग्रामीण शिल्पकार ग्राम सभाओं में किसानों तथा कृषि से जुड़े विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए कृषि सामानों, औजारों, उपकरणों आदि का निर्माण या मरम्मत का कार्य करते हैं इनके लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं है, जिससे इनका व्यवसाय एवं जीविका प्रभावित हो रही है और इससे इनके पुश्तैनी ग्रामीण शिल्पकला पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब इस शासनादेश के लागू हो जाने से विश्वकर्मा समाज अपने पुश्तैनी व्यवसाय एवं शिल्पकला का संरक्षण व परिवर्तन सुरक्षित कर सकेंगे तथा अपनी जीविका चला सकेंगे।