देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा शासन के वरिष्ठ के अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे कि प्रदेश के गांव में जाकर निवास करे और वहां की समस्याओं को सुने। मुख्यमंत्री श्री रावत की इस पहल का असर दिखने लगा है। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गांवों का भ्रमण किया जा रहा है। गांव में ही रात्रि विश्राम कर स्थानीय लोगो की समस्याओं को सुना जा रहा है।
इसी क्रम में प्रमुख सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राधा रतूड़ी द्वारा विगत दिवस जनपद टिहरी के नरेन्द्रनगर ब्लाॅक के कोडारना गांव का भ्रमण किया गया। उनके द्वारा 29 अक्टूबर 2015 की रात्रि को नरेन्द्रनगर ब्लाॅक के कोडरना गांव का भ्रमण किया और रात्रि विश्राम गांव में ही किया। इस दौरान प्रमुख सचिव ने गांव में स्थानीय लोगो की समस्याओं को सुना और मौके पर ही उनके समाधान हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये।
कोडरना गांव के प्राकृतिक सौन्दर्य को देखकर प्रमुख सचिव द्वारा पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि कोडरना गांव को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनायी जाय। लोनिवि अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि गांव को जोड़ने वाली सड़क का शीघ्र ही डामरीकरण व चैड़ीकरण किया जाय। प्रमुख सचिव ने मुख्य विकास अधिकारी टिहरी को निर्देश दिये कि यहां की स्थानीय महिलाओं का स्वंय सहायता समूह गठित किया जाय। साथ ही दुग्ध संघ से भी महिलाओं को जोड़ा जाय। यहां पर शहद पालन, मुर्गीपालन, हल्दी उत्पादन आदि की काफी संभावना है। इसे और अधिक प्रोत्साहित किया जाय। इसके लिए यहां पर समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाय। साथ ही एक प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की जाय। स्थानीय लोगो ने बताया कि गांव में बंदर और सूअरों के कारण खेती को काफी नुकसान हो रहा है। इस पर प्रमुख सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांव में बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाये जाय। साथ ही सुअरों की रोकथाम के लिए भी वन विभाग प्रभावी कदम उठाये। गांव की महिलाओं द्वारा बताया गया कि गांव में मात्र 12 परिवार ऐसे है, जहां शौचालय नही है। स्वजल द्वारा शौचालय निर्माण के लिए 12000 रुपये की धनराशि दी जाती है, किन्तु वह धनराशि शौचालय बनने के बाद ही मिलती है। जबकि गांव के ये 12 परिवार काफी गरीब है। ऐसे में प्रमुख सचिव ने आई.सी.डी.एस.विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इंदिरा गांधी महिला समेकित योजना के तहत सभी 12 परिवारों की महिलाओं के नाम 3000 रुपये शीघ्र आवंटित किये जाय, ताकि वे शौचालय निर्माण कार्य शुरू कर पाये। शेष धनराशि स्वजल द्वारा शौचालय निर्माण होते ही उपलब्ध करा दी जाय। गांव में एक माह के अंदर शौचालय बना दिये जाय। स्थानीय निवासियों ने बताया कि गांव में केवल 50 प्रतिशत लोगो के ही आधार कार्ड बन पाये है। इस पर प्रमुख सचिव ने सचिव आई.टी. को निर्देश दिये कि गांव में 1 नवम्बर को विशेष कैम्प लगाकर सभी लोगो के आधार कार्ड बनाये जाय। प्रमुख सचिव द्वारा गांव के प्राथमिक स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी आदि का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।