शिमलाः हिमाचल में पालतु कुत्तों के मालिक अब सैर नहीं करवा सकेंगे। इसको लेकर नगर निगम ने एक आदेश जारी किया हैं। नगर निगम की
इस कवायद के तहत शहर में पालतू कुत्तों का शौक रखने वाले मालिकों को अब अपने कुत्तों का पंजीकरण करवाना अति आवश्यक होगा। नगर निगम ने यह कदम शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उठाया है और इन नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
शहर में आवारा और पालतू कुत्तों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए ही नगर निगम ने ये आदेश जारी किए हैं कि आए दिन इन कुत्तों से शहर की आम जनता परेशान हो रही है, ऐसे में नगर निगम ने जहां एक ओर आवारा कुत्तों की नसबंदी की मुहिम छेड़ी हैए वहीं दूसरी ओर अब पालतू कुत्तों के लिए भी पंजीकरण के नियम को भी लागू किया हैं। नगर निगम सदन की मासिक बैठक में पार्षदों द्वारा भी इस मुद्दे को गहनता से उठाया गया था जिसमें यह चर्चा की गई थी कि शाम के समय मालिक अपने पालतू कुत्तों को रिज और माल की सैर करवाने के लिए लाया जाता है लेकिन जब इस दौरान गंदगी फैलाने पर उसे साफ करने की बात कही जाती है तो उसे कोई साफ नहीं करवाता है। इसके तहत पार्षदों ने नगर निगम की मासिक बैठक में ऐसे कुत्तों के पंजीकरण को करवाना जरूरी बताया है।
पालतू कुत्तों के मालिक सार्वजनिक स्थानों पर यदि कुत्तों का घुमा रहे हैं और इस दौरान यदि सैर करवाते समय कुत्ता सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाता है तो उसे साफ करवाने की सारी जिम्मेदारी संबंधित मालिक की होगी। इस दौरान मालिक ऐसा नहीं करता है तो नगर निगम अधिकारियों द्वारा पालतू कुत्तों के मालिक पर लगभग 500 रुपए का जुर्माना भी कर सकती है।
पालतू कुत्तों का पंजीकरण करने के लिए नगर निगम कार्यालय में 50 रुपए का शुल्क अदा करना होगा और यह पंजीकरण एक साल के लिए मान्य होगा।