देहरादून: प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, छात्र कल्याण मंत्री उत्तराखण्ड सरकार मंत्री प्रसाद नैथानी ने आज विधान सभा स्थित सभागार जल संस्थान एवं पेयजल निगम तथा स्वजल परियोजना की समीक्षा बैठक ली।
बैठक में उन्होंने शासन एवं विभागीय अधिकारियों से ग्रीष्म ऋतु में पेयजल व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि अधिकारी क्षेत्रों में जाकर जनता की समस्याओं से अवगत होते हुए उन्हे स्वच्छ जल मुहैया करवायें। इसके साथ ही अधिकारी अपनी कार्य संस्कृति डेबलप करें।
बैठक में मंत्री जी ने जल संस्थान की शाखाऐं बढाने की आवश्यकता के मद्देनजर 5 डिवीजन नये खोलने का निर्णय लेते हुए कहा कि उत्तरकाशी में पुरोला, पिथौरागढ़ में गंगोलीहाट, हरिद्वार में रूड़की, देहरादून में जोगीवाला तथा ऋषिकेश में खोले जायें। मंत्री जी द्वारा निर्देशित किया गया कि पेयजल से अभावग्रस्त विशेषकर हाई हेड पम्पिंग पेयजल योजनाओं से आच्छादित क्षेत्रों का वरीयता क्रम में चयन करते हुए शासन को धनाबंटन हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया जाये। साथ ही गतवर्ष टेंकरों के माध्यम से किये गये भुगतान हेतु शत् प्रतिशत धनाबंटन किया जाये। इसके लिए अपर सचिव पेयजल, अपर सचिव वित्त से वार्ता करें।
बैठक में उन्होंने कहा कि पेयजल निगम द्वारा निर्माणाधीन गोपेश्वर नगर की अमृत गंगा पेयजल योजना के कार्य अधुरे होने पर उन्होंने जल संस्थान एवं पेयजल निगम के अधिकारी योजना का संयुक्त निरिक्षण कर अधूरे कार्य पूर्ण कराते हुए गोपेश्वर नगर वासियों को सुचारू पेयजल उपलब्ध करया जाये।
मंत्री जी ने जल संस्थान एवं पेयजल निगम के अधिकारियों द्वारा दैनिक डायरी रखते हुए किये गये भ्रमण की जानकारी भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी 1697 विद्यालयों की सूची में से जल संस्थान द्वारा परीक्षण के उपरान्त 1238 विद्यालयों में पाईप लाईन/हैण्ड पम्पों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। जिसकी अनुमानित लागत 200000 लाख आगणित है। मंत्री जी ने कहा कि एन.आर.एन.पी. कार्यक्रम के अन्तर्गत धन राशि आबंटित कराते हुए पेयजल से वंचित विद्यालयों को जलापूर्ति कराने के निर्देश दिये गये।
बैठक में मंत्री जी ने टिहरी, देवप्रयाग एवं हरिद्वार(गंगा) शाखा में पेयजल निगम से यथास्थिति में हस्तगत योजनाओं के साथ अन्तरिक कर्मचारियों के बारे में पेयजल निगम द्वारा स्थिति स्पष्ट न किये जाने के कारण योजनाओं के अनुरक्षण में आ रही कठिनाई के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि पेयजल निगम एवं जल संस्थान के विभागाध्यक्ष स्तर से समन्वय कार्मिकों की अनिस्तारित समस्या का समाधान एक सप्ताह में करायें।
बैठक में पेयजल योजनाओं, जलोत्सारण योजनाएॅं एवं हेण्ड पम्प तथा दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त कार्यों के पुनः निर्माण की स्थिति पर भी चर्चा हुई। बैठक में हैण्ड पम्पों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए अवगत कराया गया प्रदेश में 8945 हेण्ड पम्प अधिष्ठापित है। जिनमें से 8777 हैण्ड पम्प चालू दशा में तथा 168 हैण्ड पम्प खराब दशा में हैं। जिन्हें तुरन्त ठीक करवाने के निर्देश मंत्री जी द्वारा दिये गये।
बैठक में देवप्रयाग शाखा के अन्तर्गत हिण्डोला खाल हिसरियाखाल पम्पिंग पेयजल योजना के अन्तर्गत 700 कि0ली0 जलाशय का निर्माण कार्य तथा कोटेश्वर सिल्का खाल पम्पिंग पेयजल योजना के अन्तर्गत 500 कि0ली0 जलाशय निर्माण के बारे में बताया गया कि उक्त दोनों कार्य जुलाई 2015 तक पूर्ण
करा लिए जायेंगे। बैठक में उन्होंने हिण्डोला खाल हिसरियाखाल पम्पिंग योजना, भरपूर पम्पिंग पेयजल योजना एवं किर्तीनगर नगरीय पेयजल योजना हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के अन्तर्गत मिनी ट्यूबवेल निर्माण की आवश्यकता है। जिसकी प्राक्लन धन राशि 152.00 लाख तैयार कर दी गई हैं जिसे शासन को प्रेषित किया जा चुका है।
बैठक में मंत्री जी ने जलसंस्थान के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 125 के.वी. के 100 जनरेटरों को स्थायी रूप से विभाग के पास हो जिससे कार्य सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने इस हेतु प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने अधिशासी अभियन्ताओं की डी.पी.सी. हेतु भी शासन के अधिकारियों से कहा
बैठक में स्वजल के अधिकारियों ने अवगत कराया कि स्वजल परियोजना द्वारा संचालित सैक्टर कार्यक्रम के अन्तर्गत ही ग्रामीण पेयजल योजनाओं का निर्माण मांग आधारित पद्धति पर ग्रामीण समुदाय के सहयोग से किया जा रहा है। दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त 528 पेयजल योजनाओं ने से 154 योजनाओं में पेयजल आपूर्ति सुचारू तथा अवशेष में अस्थाई व्यवस्था कर दी गयी है। बैठक में स्वजल परियोजना के अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत कराये गये कार्यों की वित्तिय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा मंत्री जी द्वारा की गयी।
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा अपेक्षा की गयी कि राज्य के सुदुरवर्ति दो जनपदों बागेश्वर एवं चमोली को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त किया जाय। इस हेतु वित्तिय संसाधनों को दृषिगत रखते हुए दो वर्षों की कार्य योजना तैयार की जाये। जनपद बागेश्वर में 13695 एवं जनपद चमोली में 19266 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत करवाया जाना है। जिस हेतु 39,5532,000(उन्तालिस करोड़ 55 लाख बत्तीस हजार) की आवश्यकता है। जिसे स्वच्छ भारत मिशन तथा राज्यांश के रूप में पात्र लाभार्थियों हेतु की जायेगी।
बैठक में पेयजल निगम की समीक्षा करते हुए अवगत कराया कि एव.डब्ल्यू.एस.एम. द्वारा एस.सी.पी./टी.एस.जी. मद में रू0 19.04 करोड़ रू0 पेजल निगम को निर्गत किया जाना है। स्रोत संवर्द्धन के अन्तर्गत विरचित योजनाओं की स्थिति पर भी विचार विमर्श किया गया।
मंत्री जी द्वारा देवप्रयाग के अन्तर्गत सजवाण काण्डा, ग्राम समूह पम्पिंग योजना तथा कोटेश्वर झण्डीधार ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना पर विचार करते हुए कहा कि पेयजल निगम के अधिकारियों ने अवगत कराया कि सजवाण काण्डा ग्राम समूह पम्पिंग येाजना पर अनुमानित लागत 1198.45 लाख रू0 हैं। जिस पर अभी तक 230.21 लाख रू0 अवमुक्त हो चुका है। जिस पर अभी तक 138.07 लाख रू0 व्यय हो चुका है। वर्तमान में योजना के अन्तर्गत जलागम एवं फीडर मैंन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका।
कोटेश्वर झण्डीधार ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना से पौड़ी खाल क्षेत्र विकासखण्ड देवप्रयाग की 66 बस्तियों को लाभान्वित करने हेतु योजना रू0 987.76 लाख रू0 की योजना राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत की गयी है। वर्तमान तक 426.70 लाख रू0 अवमुक्त हो चुका है। इस योजना के 26 जलाशय, 39 कि0मी0 फिडर मैन 103 कि.मी. वितरण प्रणाली एवं 525 स्टैण्ड पोस्ट का निर्माण किया जाना है। वर्तमान में योजना के जलाशय एवं फिडर मैन के निर्माण कार्य प्रगति पर है। लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। एवं 301.175 लाख का व्यय अंकित किया जा चुका। है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पेयजल एस.राजू, विशेष कार्याधिकारी पेयजल मंत्री जी.डी.रतूड़ी, अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह, अपर सचिव स्वच्छता ज्योति नीरज खैरवाल, सी.जी.एम. जल संस्थान एस.के.गुप्ता, जी.एम. जल संस्थान पी.वी किमोठी, जी.एम. पेयजल निगम भजन सिंह, के अतिरिक्त जल संस्थान एवं पेयजल निगम के अधीक्षण अभियन्ता एवं अधिशासी अभियन्ता मौजूद थे।