लखनऊ: प्रदेश के जिन गांव में जलापूर्ति पहुंच चुकी है वहां पेयजल व्यवस्था सुचारू बनी रहे। किसी तरह की तकनीकी खराबी आने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे किसी भी कीमत पर दुरुस्त कराया जाए। ये निर्देश जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों को जारी किये हैं। पाइपलाइन डालने के दौरान खोदे गए मार्गों को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल दुरुस्त कराने के भी निर्देश जल शक्ति मंत्री ने दिये। उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिये हैं कि पाइपलाइन का काम समाप्त होने के साथ सड़कें दुरस्त हो जानी चाहियें।
जल शक्ति मंत्री ने अफसरों को गांव में दौरा कर नल कनेक्शन, जलापूर्ति, जागरूकता अभियान और पानी की गुणवत्ता की प्रक्रिया का निरीक्षण करने के लिए भी कहा। जल शक्ति मंत्री बुधवार को देर रात नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के गोमतीनगर स्थित कार्यालय में समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में जल शक्ति मंत्री ने सख्त अंदाज में कहा कि किसी भी गांव में जलापूर्ति बाधित न होने पाए अधिकारी इसका इंतजाम करें। उन्होंने कहा कि हर घर नल से जल पहुंचाने के कार्य से ग्रामीण क्षेत्रों में कोई असुविधा न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जाए। जल जीवन मिशन से जुड़ी संस्थाओं को उन्होंने गांव-गांव में एक-एक व्यक्ति को जागरूक करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से बुंदेलखंड में पीने के स्वच्छ जल को मार्च माह तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक पहुंचाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में जल शक्ति मंत्री ने अधिकारियों से बारी-बारी बुंदेलखंड के एक-एक जिले की प्रगति पूछी और समय से कार्य पूर्ण कराने की टाइमलाइन भी तय की। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में प्रगति धीमी है वहां काम पूरा करने के लिए रात-दिन काम कराया जाए। उन्होंने सख्त अंदाज में अधिकारियों से हर कीमत पर मार्च माह तक बुंदेलखंड के प्रत्येक परिवार तक नल से जल पहुंचाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदशन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल जीवन मिशन योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। योजना को सफल बनाने के लिये अधिकारी पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से कार्य करें।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने अफसरों से भुगतान प्रक्रिया को तेज करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर कम्पनियों के बिलों का भुगतान एक हफ्ते में कराया जाए। बिल भुगतान में अनावश्यक देरी होगी तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जल निगम के एमडी डॉ. बलकार सिंह, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।