लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के दीक्षा भवन में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत लगभग 1000 छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ की त्रैमासिक ई-पत्रिका गोरखपथ का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि कोराना काल खण्ड में हर क्षेत्र प्रभावित था, जिसमें शिक्षा का क्षेत्र भी था। जब कोरोना में सब कुछ बन्द हो गया, तब तकनीक का उपयोग करते हुये युवाओं को सक्षम बनाने के लिये स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना प्रारम्भ की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 02 करोड़ युवाओं को स्मार्ट फोन वितरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अभी तक लगभग 20 लाख युवाओं को टैबलेट/स्मार्ट फोन का वितरण किया जा चुका है। यह स्मार्ट फोन शिक्षा के साथ-साथ युवाओं को सशक्त करने का भी माध्यम बनेंगे। युवा केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी के साथ ही, उसका लाभ भी प्राप्त कर पायेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शासन ने एक प्रयास प्रारम्भ किया है कि सभी विद्यार्थियों, खासकर स्नातक व परास्नातक के अन्तिम वर्ष के छात्रों को इस योजना से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि तकनीक हमारे लिए कितनी उपयोगी हो सकती है, इसका उदाहरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी योजना में देखा जा सकता है। तकनीक के उपयोग से लोगों को राशन वितरण में बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली मे पहले गरीबों को राशन नहीं मिल पाता था। वर्तमान प्रदेश सरकार ने शासन में आने के बाद इस गम्भीर समस्या के समाधान के लिए तकनीक को अपनाते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया। प्वाइण्ट ऑफ सेल मशीन तकनीक के माध्यम से राशन की दुकानों की मॉनीटरिंग की गयी। घटतौली व कालाबाजारी रोकी गयी। आधार कार्ड से राशन कार्ड को जोड़कर प्रत्येक व्यक्ति के नमूने लिये गये। इन्हीं सब प्रयासों के कारण आज भारत में उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली सबसे अच्छी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार तकनीक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी इस पर काफी जोर देते हैं। उनके डिजिटल इण्डिया के सपने को साकार करने के लिए हम सभी को तैयार होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने सनातन धर्म व भारतीय दर्शन को वैश्विक पटल पर सशक्त तरीके से रखा था। उन्होंने भारतीय अध्यात्म से पूरे विश्व का परिचय कराया था। स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि विज्ञान की सीमाएं जहां खत्म होती हैं, वहां से भारतीय दर्शन व आध्यात्म शुरू होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि भारत विश्व का सर्वाधिक युवा शक्ति वाला देश है। भारत दुनिया में इकलौता देश है, जहां 56 प्रतिशत आबादी कामकाजी है। भारत में उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां की 58 प्रतिशत आबादी कामकाजी है। इस आबादी को दिशा-निर्देश कर आगे बढ़ाने की आवश्कयता है। इसी क्रम में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना शासन द्वारा लाई गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिणाम लाने के लिए प्रयास की आवश्यकता होती है। सभी शिक्षण संस्थान केवल डिग्री व सर्टिफेकेट देने का केन्द्र न बनकर छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करें। कोरोना के बाद प्रधानमंत्री जी ने नई शिक्षा नीति बनाई है, जिसके माध्यम से इन शिक्षण संस्थानों के छात्र सर्टिफेकेट प्राप्त करने के साथ ही, आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनकर बाहर निकलेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के अमृत महोत्सव में भागीदार बनने के साथ ही, भारत को वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर व विकसित बनाने के लिए पंचप्रण का आह्वान किया है। इसके लिए हम सभी को कार्य करना चाहिए। पंचप्रण की पहली शपथ में प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत की बात की है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी आत्मनिर्भर गांव की बात करते थे। पहले गांव में विभिन्न जातियों के लोग परस्पर सहयोग व विनिमय के माध्यम से आत्मनिर्भर थे। गांव में राजमिस्त्री, मोची, बढ़ई, किसान, पुरोहित आदि सभी अपने व्यवसाय के माध्यम से परस्पर विनिमय के द्वारा आत्मनिर्भर थे। वे सरकार पर निर्भर नहीं थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए शासन ने ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना चलायी है। आज यह देश में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को आगे बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश में इस योजना के कारण निर्यात 02 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। आज उत्तर प्रदेश निर्यात का हब बन रहा है। लखनऊ की चिकनकारी, मुरादाबाद का पीतल, फिरोजाबाद का कांच, अलीगढ़ का हार्डवेयर, मेरठ का खेल का सामान पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। मेरठ के खेल के सामान की पूरे विश्व में मांग है। पूरे विश्व में 60 से 75 प्रतिशत खेल के सामान के बाजार पर मेरठ का कब्जा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो स्थानीय उद्योग पहले जर्जर थे, आज वह तकनीक व बाजार से जुड़ने के कारण आगे बढ़ चुके हैं। गोरखपुर का टेराकोटा कई गुना लाभ देने वाला उत्पाद बन चुका है। मुरादाबाद का पीतल उद्योग प्रतिवर्ष 16 हजार करोड़ रुपये का निर्यात कर रहा है। भदोही का कालीन उद्योग 12 से 13 हजार करोड़ रुपये कालीन का निर्यात पूरे विश्व में कर रहा है। स्थानीय स्तर पर सरकारी मदद से यह सम्भव हुआ है। इससे रोजगार का सृजन हो रहा है। इस योजना में कोरोना के कारण वापस आए प्रवासियों का समायोजन भी किया गया। ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ भी आत्मनिर्भरता के लिए चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का दूसरा प्रण था गुलामी के अंश को खत्म करना। देश, राज्य, जनपद की भावना से आगे बढ़कर सबके साथ कार्य करने की भावना का निर्माण करना। उन्होंने कहा कि तीसरे प्रण में प्रधानमंत्री जी ने अपनी विरासत के लिए सम्मान का भाव व गौरव की अनुभूति की शपथ की बात की है। अयोध्या व काशी हमारे हजारां वर्षों की पहचान हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में हमने अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व सैन्य बलों के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त किया है। सरकार भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व सैन्य बलों के सम्मान में सड़कों का नामकरण उनके नाम पर कर रही है। भगवान राम व भगवान कृष्ण हमारी आस्था ही नहीं, विरासत भी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चौथे प्रण में प्रधानमंत्री जी ने आपसी एकता की बात कही है। हम सबको सौहार्द बिगाड़ने वाले तथ्यों से सावधान रहना होगा। पांचवे प्रण में प्रधानमंत्री जी ने नागरिक के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करने की बात कही है। प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी आगाह होना चाहिए। एक नागरिक के रूप में पहले कर्तव्य फिर अधिकार एवं पहले देश फिर मैं के भाव के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के तहत प्राप्त टैबलेट/स्मार्टफोन के माध्यम से छात्र परम्परागत शिक्षा के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से भी जुड़ सकते हैं। रोजगार से सम्बन्धित अन्य कार्य जैसे-पी0एम0 स्टार्टअप योजना, पी0एम0 स्टैण्डअप योजना, मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के लाभ भी इस योजना के माध्यम से प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा ज्ञान तब बनेगी, जब वह व्यावहारिक रूप से धरातल पर उतरेगी। योजनाओं को शुरू करने से पहले उसके सामाजिक प्रभाव व वहां के जैव पर्यावरण पर प्रभावी अध्ययन किया जाता है, फिर उस पर चर्चा होती है, फिर उस योजना को लागू किया जाता है। पहले इन अध्ययनों में दुनिया के कुछ देशों का एकाधिकार था, यह अध्ययन हमारे शिक्षण संस्थानों को भी करना चाहिए। फेलोशिप के माध्यम से छात्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देकर यह कार्य किया जा सकता है। सरकार द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री इण्टर्नशिप योजना के माध्यम से सरकार छात्रों को प्रोजेक्ट पर अध्ययन के लिए फेलोशिप प्रदान कर रही है। इसमें आधा मानदेय सरकार और आधा मानदेय संस्थान द्वारा प्रदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के मित्र देश अपने यहां भारत के श्रमिकों को बुलाना चाहते हैं। शासन ने इन कार्यबलों को कुशलता प्रदान करने की तैयारी भी की है। शासन इजरायल हेतु 05 हजार श्रमिकों को भेजने के क्रम में 1200 श्रमिकों को भेज चुका है। वहां इन श्रमिकों को मूलभूत सुविधाओं के साथ 1.25 लाख रुपये से 1.50 लाख रुपये तक का मानदेय प्राप्त हो रहा है। अगर इन सामान्य श्रमिकों को और कुशल बना दिया जाये तो इनकी आमदनी में कई गुना बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके लिए हम सभी को तैयार होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के विकास में सरकार द्वारा लगाया गया धन वहां की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। श्रद्धालुओं के आगमन तथा होटल, टैक्सी एवं अन्य संसाधनों के उपभोग से वहां की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। सरकार की अयोध्या के विकास में दूरदर्शी सोच के कारण ही इसका चौमुखी विकास हो रहा है। इसी कारण 05 लाख पर्यटकों को बिना किसी समस्या के नियंत्रित किया जा रहा है। विकास में विभिन्न बाधाएं आने के बावजूद आज अयोध्या फोरलेन कनेक्टविटी के साथ जुड़ रही है। इन विकास कार्यों से नये-नये लोगों को गाइड आदि के रूप में रोजगार भी मिलेगा। एक नई दिशा में सबको आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। युवाओं को भी इसमें अपना भविष्य खोजना चाहिए। वह टूरिस्ट के लिए डिजिटल टूरिस्ट मैप बनाकर गाइड के रूप में कार्य कर सकते हैं। वहां की ऐतिहासिक जानकारी को अच्छे ढंग से समझा सकते हैं। यह सभी के लिए एक अच्छा अवसर है और इस दिशा में आगे बढ़कर कार्य कर सकते हैं।
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन शुक्ल, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।