लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद लखीमपुर खीरी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने शारदा बैराज स्थित सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन में जनपद के जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से बाढ़ से बचाव हेतु अब तक किये गये कार्यों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा भी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को प्राथमिकता पर राहत पहुंचायी जाए। माह अगस्त और सितम्बर में बरसात की अधिक सम्भावना रहेगी। सतर्क रहकर और संवेदनशील स्थलों का चिन्हांकन कर अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए तथा लगातार निगरानी की जाए, जिससे जनधन की हानि न हो। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने, क्लोरीन की टैबलेट बांटने, एंटीलार्वा छिड़काव करने तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एवं जानवरों को चारा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जनपद में केरोसीन तथा एल0पी0जी0 की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अगर बाढ़ आती है तो बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध रहना चाहिए।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ से बचाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा की गयी तैयारियों का ब्यौरा मांगा। बाढ़ से बचाव हेतु की गयी तैयारियों का विवरण देते हुए जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद मंे 397 नावें तथा 79 गोताखोरों की व्यवस्था की गयी है। एन0डी0आर0एफ0 वाराणसी से लगातार सम्पर्क बना हुआ है, जिससे बाढ़ की स्थिति में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। पूर्व के वर्षो में तहसील धौरहरा, लखीमपुर (फूलबेहड़) में कटान की स्थिति ज्यादा भयावह होती थी, किन्तु इस वर्ष की गयी तैयारियों के कारण कटान में कमी आयी है। इसके अतिरिक्त बाढ़ से हुयी फसलों की क्षति का आकलन किया जा रहा है। राहत सामग्री की व्यवस्था कर ली गयी है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त राहत पहुंचायी जा सके। जिलाधिकारी ने बताया कि कटान क्षेत्रों में प्रभावितों हेतु समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गयी हैं। मुख्यमंत्री जी ने इस हेतु जनपद के एन0जी0ओ0, सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों आदि के साथ बैठक कर अभी से खाद्यान्न सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
विधायक श्री योगेश वर्मा ने विकास खण्ड नकहा के ग्राम रेहरियांकला में कटान का जिक्र किया, जिस पर मुख्यमंत्री जी ने अधिशासी अभियंता बाढ़खण्ड से उस गांव में कटान का कारण पूछा। अधिशासी अभियन्ता ने अवगत कराया कि रेहरियाकलां गांव की स्थिति दो नदियों के मध्य है, जिससे वह गांव कटान से ज्यादा प्रभावित होता है। सांसद श्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि उस गांव की कटान का एक बड़ा कारण मिट्टी की प्रकृति भी है। विधायक श्री रोमी साहनी ने जंगल नं0 07 नामक ग्राम का उल्लेख करते हुए बताया कि यह गांव अत्यधिक कटान प्रभावित है, जिससे वहां कटान से बचने हेतु अधिक काम किये जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री जी ने सम्बन्धित को निर्देशित करते हुए अविलम्ब आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों से सांप काटने के पश्चात बचाव हेतु वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली, जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद में इससे सम्बन्धित वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपदा के सम्बन्ध में बेहतर उपायों एवं पूर्व तैयारियों के द्वारा हम जनधन की हानि को न्यूनतम कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि जो भी निर्देश प्राप्त हुए हैं, उनका पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। मुख्यमंत्री जी ने तहसील लखीमपुर के बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। इसके बाद उन्होंने शारदा बैराज का भी निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री जी ने सावन के माह में गोला गोकर्णनाथ मंदिर में साफ-सफाई तथा अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने बताया कि इस सम्बन्ध में समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गयी हैं।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री बलदेव ओलख, समाज कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती गुलाबो देवी, जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।