केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि ‘व्यवसाय के नियम‘ सभी हितधारकों के लिए समान होने चाहिए। भारतीय निर्यातक संगठनों के फेडेरेशन (फियो) द्वारा आज यहां आयोजित ‘ वाणिज्य सप्ताह समापन समारोह ‘ को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि व्यावसायिक घराने चाहे बड़े हों या छोटे, वे चाहें कहीं के भी हों या उनमें कोई अन्य दूसरे कारण हों, हम चाहेंगे कि प्रत्येक को ईमानदारी से अपना व्यवसाय करने तथा अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए समान अवसर उपलब्ध हों। ‘
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि उसमें जवाबदेही और निर्धारित समय सीमा होनी चाहिए तथा निर्यात विकास में विभिन्न राज्यों या मंत्रालयों के सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अनिवार्य रूप से साझा किया जाना चाहिए। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार बिना समय सीमा निर्धारित किए वस्तु तथा सेवा व्यापार दोनों में ही निर्यात को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, ‘ हमें प्रतिस्पर्धी बनने के जरिये भारत को वैश्विक रूप से स्थापित करना चाहिए। ‘
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाल के अमेरिकी दौरे का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठकों के दौरान कई अग्रणी उद्यमियों ने भारत में निवेश करने के प्रति गहरी दिलचस्पी प्रदर्शित की है। ‘लॉजिस्टिक्स की सुगमता पोर्टल ‘ लांच करते हुए उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता आएगी। श्री गोयल ने कहा कि विश्व भारत की ओर एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि ‘ निवेशकों द्वारा किया गया नवोन्मेषण, उनकी गुणवत्ता तथा प्रतिस्पर्धा ब्रांड इंडिया को परिभाषित करेगी। ‘
श्री गोयल ने वाणिज्य महोत्सवों सहित वाणिज्य सप्ताह के दौरान कार्यक्रमों की अभूतपूर्व सफलता के लिए फियो तथा समस्त निर्यातक समुदायों को बधाई दी। श्री गोयल ने कहा कि पिछले सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इसके सभी कार्यालयों द्वारा मनाये गए ‘ आजादी का अमृत महोत्सव‘ के दौरान देश के सभी 739 जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि सप्ताह भर चलने वाले इन समारोहों में एक करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इनसे जुड़े रहे। देश भर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों को 23 केंद्रीय मंत्रियों, 9 मुख्यमंत्रियों, 3 उपराज्यपालों तथा 26 राज्य मंत्रियों द्वारा संबोधित किया गया।