केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में वर्ष 2018 और 2019 के लिए एम्स नई दिल्ली के 47वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय कार्यालय की निदेशक सुश्री पूनम खेत्रपाल सिंह इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं।
डॉ हर्षवर्धन ने अपने सभी पूर्ववर्तियों द्वारा इस संस्थान के निर्माण में उनके योगदान तथा अथक प्रयासों का स्मरण करते हुए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि, “कोई भी संस्थान अचानक से ही महान नहीं बन जाता है, भले ही उसमें चाहे कितनी भी क्षमता हो, उसे अपना सर्वोच्च पाने के लिए हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए।
अपने संस्थापक की अडिग भावना को ध्यान में रखकर एम्स के भविष्य के लिए एक नये दृष्टिकोण का ज़िक्र करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “राजकुमारी अमृत कौर आम भारतीयों को भी विश्व स्तर की चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहीं। उन्होंने एक उत्कृष्ट संस्थान के निर्माण के वास्ते धन जुटाने के लिए बाहर के देशों और अंतर्राष्ट्रीय विकास साझेदारों तक अपनी पहुंच बनाई।” डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “वर्ष 1961 तक एम्स ने वैश्विक ख्याति प्राप्त कर ली थी। हमें बहुत कुछ नया करने के साहस की कल्पना करने की हिम्मत और नवाचार के लिए लगन, ये सभी गुण राजकुमारी अमृत कौर से सीखने हैं। वे एम्स के डीएनए में ही समाहित हैं।”
डॉ हर्षवर्धन ने इसके पश्चात् एम्स संस्थान को लगातार तीसरे वर्ष शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा चिकित्सा संस्थानों में नंबर एक के रूप में चुने जाने के लिए बधाई दी।
डॉ हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए संस्थान की दृढ़ता पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि, “मैं इस प्रतिष्ठित संस्था के अध्यक्ष के रूप में सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, जिसने देश भर के नागरिकों के जीवन स्तर को बढ़ाने और बेहतर करने के लिए समर्पण के अनुकरणीय स्तरों को प्रदर्शित किया है। एम्स कई चुनौतियों से गुजरा है और बार – बार उत्कृष्ट होकर सामने आया है।” उन्होंने कहा कि, चरित्र किसी भी महान शैक्षिक उपक्रम में अपरिहार्य है और यह इस संस्थान के लंबे इतिहास में परिलक्षित होता है। उन्होंने थम जाने तथा ठहराव की आलोचना की और कहा कि, “हमें परिवर्तन लाना है एवं प्रगति करनी है। हम एक तेज़ी से बदलती हुई दुनिया में रुक कर काम नहीं रह सकते।”
मौजूदा कोविड संकट के दौरान संस्थान के योगदान की सराहना करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “एम्स ने संकट के दौरान मरीज़ों की देखभाल, अनुसंधान और शिक्षा में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि, हम एक ऐसी महामारी से उबर रहे हैं जिसने हमें बेहद परेशान किया है, ऐसे में हमें एम्स के पूरे परिवार द्वारा लड़ी गई दैनिक लड़ाइयों को याद रखना चाहिए। हमारे डॉक्टर हमारे असली हीरो हैं।”
फिर उन्होंने संस्थान के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने दृष्टिकोण को बताया:
- एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है जो सबसे प्रतिभाशाली संकाय और कर्मचारियों को आकर्षित करता है।
- वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में वयस्क-शिक्षार्थियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही छात्र केंद्रित नीतियों को आजीवन सीखने की आवश्यकता है।
- शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं समग्र शिक्षा पर ज़ोर।
- उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान किए गए नवीन साधनों का समुचित उपयोग।
- संस्थान के लिए एक साझा मिशन, दृष्टि तथा रणनीतिक योजना का निर्माण।
- सामने आने वाली सफलताओं और असफलताओं का सामरिक मूल्यांकन।
डॉ हर्षवर्धन ने सभी से संस्थान की भलाई के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हमें एम्स की विरासत को संरक्षित करना है और एक नए कल की ओर बढ़ना है। हमें पर्यवेक्षक से कहीं बढ़कर भूमिका निभानी है। हमें विकल्प तलाशने चाहिए और ऐसी कार्य ज़रूर करने चाहिए जो शायद कठिन हो सकते हैं। हम मिलकर एम्स की समृद्ध विरासत में अगला अध्याय जोड़ सकते हैं।
छात्रों को बधाई देते हुए, सुश्री पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि, “मैं उन छात्रों और चिकित्सकों को बहुत – बहुत बधाई देती हूँ जिन्होंने यहां तक आने के लिए कड़ी मेहनत की है। पिछले कुछ महीनों में, एम्स ने देश भर में देखभाल के मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एम्स चिकित्सा अनुसंधान के लिए अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है। स्वास्थ्य में निवेश एक लागत नहीं बल्कि एक परिणाम है। कोविड महामारी ने हमें दिखाया है कि, सतत विकास को बढ़ावा देने तथा सुरक्षित करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश सबसे कुशल तरीका है। ”
“मानवसेवा, माधवसेवा; नर सेवा, नारायण सेवा”, इस वाक्य का उल्लेख करते हुए श्री अश्विनी कुमार चौबे ने भगवान की सेवा करने के लिए मानवता की सेवा को समर्पित एक चिकित्सक के आदर्श जीवन पर प्रकाश डाला, जो उनकी पीड़ा और समस्या का अंत करने की क्षमता से हर संभव प्रयास करते हैं।
छह वरिष्ठ संकाय सदस्यों को एम्स दिल्ली में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में 1100 से अधिक छात्रों ने अपनी उपाधि प्राप्त की, जिनमें से 90 को पदक प्रदान किए गए।