नई दिल्ली: भारत 30 सितंबर से 4 अक्टूबर, 2019 तक नई दिल्ली में जलवायुपरिवर्तन (आईपीसीसी) कार्य समूह III की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट पर अंतर सरकारी पैनल के प्रमुख लेखकों की दूसरी बैठक की मेजबानी कर रहा है।
पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालयों में सचिव, श्री सी.के. मिश्र ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और व्यवहार्य समाधानों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आईपीसीसी के लेखक और वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन से राहत दिलाने के बारे में सबसे अधिक प्रासंगिक और आधुनिक अनुसंधान करने की दिशा में काम कर रहे हैं। श्री सी. के. मिश्रा ने कहा कि “नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी पर वैश्विक गठबंधन भविष्य मं जरूरी है”।
नई दिल्ली में एक सप्ताह तक चलने वाली इस बैठक में 200 से अधिक विशेषज्ञ / लेखकों के शामिल होने की उम्मीद है। इनमें भारत के 12 विशेषज्ञ / लेखक और अन्य लगभग 65 देशों से हैं।
कार्य समूह III के सह अध्यक्ष श्री जिम स्केया ने छठी मूल्यांकन रिपोर्ट की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा “पिछले कार्य समूह III के आकलन की रचना पर, यह रिपोर्ट इस बात पर जोर देगी कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए निकट भविष्य में क्या किया जा सकता है, और इस प्रकार नीतिगत, संस्थागत निर्माण और निधियन के जरिए इस कैसे कम किया जा सकता है”।
छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर-6) उपभोग और आचरण तथा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बीच की कड़ी और नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे विषयों की जांच करेगी। रिपोर्ट मध्यम-अवधि के कार्यों के बीच संबंध और पेरिस समझौते में दीर्घकालिक तापमान लक्ष्य के साथ उनकी संगतता का आकलन करेगी। यह ऊर्जा, कृषि, वानिकी और भूमि उपयोग, भवन, परिवहन और उद्योग जैसे क्षेत्रों में शमन विकल्पों का आकलन करेगी।
पहले आदेश का मसौदा 13 जनवरी से 8 मार्च, 2020 तक विशेषज्ञ समीक्षा के लिए उपलब्ध होगा। आदेश का दूसरा मसौदा सरकार और विशेषज्ञों की समीक्षा के लिए 13 जुलाई से 13 सितंबर 2020 तक खुला रहेगा, साथ ही नीति निर्माताओं के लिए संक्षिप्त विवरण का पहला मसौदा उपलब्ध होगा। आईपीसीसी पैनल 12 से 16 जुलाई 2021 को एक पूर्ण सत्र में आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट में कार्य समूह III के योगदान पर विचार करेगा।
आईपीसीसी के तीन कार्य समूहों में से प्रत्येक 2021 में छठी मूल्यांकन रिपोर्ट में अपना योगदान जारी करेगा। 2022 में एक संश्लेषण रिपोर्ट उन्हें तीन विशेष रिपोर्टों के साथ जोड़ेगी
आईपीसीसी के बारे में:
आईपीसीसी जलवायु परिवर्तन से संबंधित विज्ञान का आकलन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का संगठन है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा 1988 में की गई थी।
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