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वजन एवं पोषण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को को पोष्टिक आहार किट वितरित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में जननी व शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए समेकित प्रयासों की जरूरत बतायी है। उन्होंने आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को पोष्टिक आहार के साथ ही आवश्यक स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श देने के निर्देश दिए ताकि हम देश में ऐसा राज्य बन सके जहां जननी मृत्यु दर बहुत ही कम तथा शिशु मृत्यु दर नियन्त्रित हो।

शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग आई.सी.डी.एस. द्वारा आंगनबाडी केन्द्र मेहूंवाला में वजन पोषण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में पोष्टिक तत्वों की कमी न रहे इसके लिये आयोडिन व प्रोटीन को भी इससे जोड़ा जायेगा। गर्भवती महिलाओं शिशुओं व वृद्धमहिलाओं को पोष्टिक आहार किट वितरित करते हुए उन्होंने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर का स्वास्थ्य जागरूकता में भी महत्वपूर्ण योगदान है, इसमें इन्हें जिम्मेदारी समझनी होगी तथा प्रयास करना होगा कि कैसे वे अपने अनेक केन्द्रों के माध्यम से अधिक से अधिक महिलाओं एवं शिशुओं को अच्छे खान पान एवं स्वास्थ्य सुविधाएं दे सकें।
समाज में बुजुर्गों का सम्मान बढ़े, उनका एकाकीपन दूर हो, इसके लिए आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से वृद्ध महिलाओं को टेक होम राशन सुविधा दी जा रही है। पारिवारिक मेल जोल बढे, संयुक्त परिवार प्रणाली आगे बढ़े इसके लिए भी प्रयास हो। वृद्धावस्था पेंशन हर तीन माह में वितरीत करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाडी केन्द्रों में हर माह की पांच तारीक को गर्भवती महिलाओं व शिशुओं का नियमित वजन चैक कराने एवं सामुहिक स्वास्थ्य परिक्षण कराने का प्रयास सराहनीय है। मातृ शिशु कल्याण आदि से संबंधित जो भी योजनाएं हैं उनके लिए भी यह तिथि जागरूकता का कार्य करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जिस बच्चे में जन्म से विकलंागता होगी उसकी माता को भरण पोषण के रूप में रू. 500/- प्रतिमाह दिया जायेगा। यदि कोई बच्चा गम्भीर बीमारी से ग्रसित हो उसके इलाज का खर्च भी सरकार वहन करेगी। आंगनबाडी केन्द्रो पर जल निगम के माध्यम से स्वच्छ जल की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष प्रत्येक आंगन बाड़ी केन्द्रों पर ऐसी पांच माताओं को पुरस्कृत किया जायेगा जो आंगनबाडी कार्यकर्ता व सुपरवाईजर की एडवाइजरी व सुझावों का पालन करते हुए बच्चे का सही ढ़ंग से पालन पोषण करती हो। इससे बहिनों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी पैदा होंगी। इसके लिए धनराशि की अलग से व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बच्चों के नाखूनों की सफाई के लिए उनकी माताओं का नेल कटर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने मेहूंवाला माफी में शवदाह गृह के लिए 10 लाख तथा तुन्तोवाला में पानी का ओवर हेड टेंक व केशरवाला में पाइपलाईन की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये स्टालों का अवलोकन किया तथा केन्द्र में पढ़ रहे बच्चों की भी जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर ब्लाॅक प्रमुख तारादेवी, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, निदेशक आई.सी.डी.एस. ज्योती नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।

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