ऋषिकेश: दस मई की सुबह चार बजकर 15 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे. भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के लिए नरेंद्रनगर राजमहल से चली गाडू घड़ा (तेल-कलश) यात्रा बुधवार को ऋषिकेश पहुंची, जिसका गढ़वाली वाद्य यंत्रों के साथ स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया.
बद्रीनाथ डिमरी पंचायत की सदस्य सरोज डिमरी ने बताया कि प्रथम चरण में यात्रा राजमहल नरेंद्रनगर से चलकर चेला चैतराम धर्मशाला रेलवेरोड ऋषिकेश पहुंची है. यात्रा का यहीं रात्रि विश्राम होगा. गुरूवार को सुबह पूजा अर्चना के बाद श्रीनगर के लिये प्रस्थान करेगी. इसके बाद 26 अप्रैल को डिम्मर पहुंकर रात्रि में डिम्मर में रहेगी. द्वितीय चरण में सात मई तक लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में पूजा अर्चना होगी. आठ मई गाडूघड़ा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, एवं रावल के साथ योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान करेगी. इसके बाद प्रवास पांडुकेश्वर में होगा. नौ मई को पांडुकेश्वर से गाडू घड़ा आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी व रावल के साथ उद्धव जी एवं कुबेर जी सांयकाल बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे.