लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है “गर होगें बदनाम तो क्या नाम न होगा“ की तर्ज पर आरएसएस प्रमुख को विवादित बयान देने का मर्ज है।
बर्र के छत्ते को छेड़कर वे क्या हासिल करते हैं, यह जाॅच का विशय है। यह बात तो दुनिया भर को मालूम है कि अयोध्या मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है। ऐसे मामलों में अदालत का निर्णय ही सर्वमान्य होता है। इस तथ्य को जानते हुए भी आरएसएस प्रमुख का एक पक्षीय विवादित बयान देना जाहिर करता है कि उन्हें न्यायतंत्र पर विश्वास नहीं है। वे अपने विचार लादना चाहते है। उनका बयान सांप्रदायिकता भड़काकर अशांति और अराजकता फैलाने का काम करने वाला है।
श्री मुलायम सिंह यादव का स्पष्ट कथन है कि यह देश आस्था से नहीं, संविधान से चलेगा। आरएसएस का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन, राष्ट्रपिता और संविधान इन सबसे कोई वास्ता नहीं रहा है। इस संगठन की विचारधारा मूलतः हिटलर के नाजीवाद से प्रभावित है और वह तानाशाही तरीके से देश को चलाने का मंसूबा रखती है। इसी विचार के तहत 6 दिसम्बर,1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया था।
आरएसएस प्रमुख ने समाज में टकराव और असहिष्णुता बढ़ाने वाला बयान देकर यह जता दिया है कि वे अनेकता में एकता के बजाय कट्टरपंथी निरंकुशता के प्रवर्तक बनना चाहते है। लोग अमन चैन से मिलजुलकर रहे यह उन्हें गंवारा नहीं। इसलिए संघ से जुड़े लोग जब तब भड़काऊ भाषण देकर माहौल में उत्तेजना फैलाने की साजिशें रचते रहे है। उत्तर प्रदेश में तो समाजवादी सरकार बनने के पहले दिन से ही अयोध्या, मुजफ्फरनगर, मेरठ, कांठ, मथुरा में संघ-भाजपा के लोग अशांति फैलाने में लगे रहे लेकिन वे मुख्यमंत्री जी के प्रति जनता के गहरे विश्वास के कारण अपने षडयंत्रों में सफल नहीं हो सके।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जनहित की तमाम परियोजनाएं कार्यान्वित कर इसे उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश में बाहर के तमाम उद्यमी यहां आने और निवेश के लिए तत्पर है। उन्हें उचित माहौल मिले और विकास मेें बाधा न पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री जी सतर्क रहते है। उनका स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। प्रदेश में अशांति, अराजकता और असहिष्णुता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।
एक तरफ अराजक वातावरण बनाने में कोई कोताही आरएसएस बरतना नहीं चाहती, वहीं उनके नेता कानून व्यवस्था की बात भी करते हैं। उनका यह दोहरा चरित्र ही हमेशा रहा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव समाज के सभी वर्गो की बेहतरी के लिए बिना किसी भेदभाव के काम कर रहे है।