उत्तराखंड के हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची की भारतीय जनता पार्टी की सरकार से पूछा कि वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान लापता हुए 3322 लोगों को खोजने को लेकर सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं इसके अलावा हाई कोर्ट में उत्तराखंड सरकार से 4 हफ्ते में पीआईएल में उठाए गए सभी मुद्दों पर विस्तृत तौर पर जवाब देने की बात कही है.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में सरकार से लापता लोगों को खोजने में उठाए गए कदमों के अलावा इस प्रक्रिया में कितना पैसा खर्च हुआ इसकी भी जानकारी की मांग उत्तराखंड हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा करी गई है इसके अलावा बताया जा रहा है कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश रंगनाथन और जस्टिस नारायण शक्तिपीठ दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता अजय गौतम की याचिका पर सुनवाई करेंगे.
रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता अजय गौतम के वकील अजयवीर पुंडीर ने कहा कि केदारनाथ की घाटी में आई आपदा में तकरीबन 4200 लोग लापता हो गए थे जिसमें छात्रों के कंकाल बरामद हुए थे वहीं सरकार ने लापता लोगों की संख्या 3322 बताई है और उन्हें ढूंढने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं इन सभी बातों की जानकारी याचिका में पूछी गई है.
वहीं याचिका में यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि आपदा के 6 साल बाद भी राज्य की ओर से लापता लोगों के शव को खोजने के लिए कोई विशेष योजना नहीं तैयार की गई इसके अलावा इसमें किसी भी प्रकार की कोई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं की गई. Source समाचार नामा