नई दिल्ली: पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने आज एक ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट किया कि भारत सरकार तथाकथित कोरोना सहायता योजना के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को 1,000 रुपये की सहायता नहीं देने जा रही है। यह ट्वीट वाट्सऐप पर तेजी से प्रसारित हो रहे एक संदेश को देखते हुए किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने एक योजना डब्ल्यूसीएचओ का शुभारम्भ किया है, जिसके अंतर्गत लोगों को 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति दिए जा रहे हैं। संदेश में क्लिक करने के लिए एक लिंक दिया जाता है और जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
ट्वीट में स्पष्ट किया गया है कि दावा और दिया गया लिंक दोनों झूठे हैं। इस पर क्लिक करने के प्रति लोगों को आगाह किया जाता है।
दावा: कोरोना सहायता योजना WCHO की तरफ से 1000 ₹ सहायता राशि सभी को दिया जा रहा हैें। फॉर्म भरें और 1000 ₹ प्राप्त करें। #PIBFactCheck: केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही। मैसेज में किया गया दावा व दिया गया लिंक फ़र्ज़ी है।
कृपया जालसाज़ों से सावधान रहे। pic.twitter.com/i8z3K5dEid— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 25, 2020
पृष्ठभूमि
सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे फर्जी समाचारों की जांच और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों के क्रम में पीआईबी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अफवाहों पर शिकंजा कसने के लिए एक समर्पित इकाई की स्थापना की है। ‘पीआईबीफैक्टचेक’ ट्विटर पर एक सत्यापित हैंडिल है, जो नियमित रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आने वाले संदेशों की निगरानी करता है और फर्जी खबरों को रोकने के लिए उसकी सामग्री की व्यापक रूप से समीक्षा करता है। इसके अलावा PIB_India हैंडिल और ट्विटर पर पीआईबी की विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों के हैंडिल व्यापक ट्विटर कम्युनिटी के फायदे के लिए हैशटैग #PIBFactCheck का उपयोग करते हुए ट्विटर पर किसी भी समाचार का आधिकारिक और प्रमाणिक संस्करण डालते रहते हैं।
कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर आने वाले किसी भी संदेश के साथ ही उसकी सामग्री, ऑडियो और वीडियो डालकर इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि की मांग कर सकता है। इन्हें पोर्टल https://factcheck.pib.gov.in/ पर ऑनलाइन या वाट्सऐप नंबर +918799711259 पर या ईमेल : pibfactcheck@gmail.com पर भी भेजा जा सकता है। इससे जुड़ा विवरण पीआईबी की वेबसाइट : https://pib.gov.in पर भी उपलब्ध है।