नई दिल्ली: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अप्रैल 2020 के महीने में 60 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) खाद्यान्न की आपूर्ति की, जबकि अब तक एक महीने में सबसे ज्यादा आपूर्ति करने का रिकॉर्ड मार्च 2014 में 38 एलएमटी था, जिससे यह 57% ज्यादा है। यह सामान्य मासिक औसत लगभग 30 एलएमटी से दो गुना ज्यादा है। इसकी मात्रा में, सड़कों द्वारा कश्मीर घाटी और लेह/ लद्दाख के लिए 1 एलएमटी और साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के लिए लगभग 0.81 एलएमटी की आपूर्ति भी शामिल है। समुद्र के रास्ते अंडमान और लक्षद्वीप के द्वीपों पर लगभग 0.1 एलएमटी स्टॉक भी ले जाया गया।
कोविड-19 के प्रसार से उत्पन्न हुई दिक्कतों के बीच, भारतीय खाद्य निगम ने अप्रैल 2020 के दौरान विभिन्न उपभोक्ता राज्यों में लगभग 58 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भंडार उतारा। बिहार को लगभग 7.7 एलएमटी का अधिकतम स्टॉक प्राप्त हुआ और इसके बाद कर्नाटक को लगभग 7 एलएमटी की प्राप्ति हुई। कोविड-19 की स्थिति लगातार गतिशील बनी हुई है और इसमें हॉटस्पॉट्स और संरोधन क्षेत्रों का जुड़ना जारी है, यह विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कई अनलोडिंग केंद्र ऐसे क्षेत्रों में अवस्थित हैं। हालांकि, राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से एफसीआई प्रभावित क्षेत्रों में भी खाद्यान्न की आपूर्ति करने में भी सक्षम है और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत आपूर्ति करने के लिए राज्यों को इसका समान रूप से वितरण करने के लिए भी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर्गत, भारतीय खाद्य निगम द्वारा खाद्यान्न का कुल उठाव लगभग 60 एलएमटी पर पहुंच गया है, कुल आवंटन 120 लाख मीट्रिक टन का 50 प्रतिशत, जिसके अंतर्गत लगभग 80 करोड़ लोगों को 5 किलो/ व्यक्ति की दर से निःशुल्क खाद्यान्न की आपूर्ति की जाती है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा देश भर में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार सुनिश्चित कर दिया गया है, जिससे कि कोविड-19 के कारण प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकारों द्वारा की गई किसी भी मांग को पूरा किया जा सके।
इस बीच, केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद 130 लाख मीट्रिक टन के पार पहुंच गई है, जिसमें 68 लाख मीट्रिक टन के साथ पंजाब अग्रणी स्थान पर है, जिसके बाद हरियाणा (30 एलएमटी) और मध्य प्रदेश (25 एलएमटी) के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है। खरीद के माध्यम से खाद्यान्न की निरंतर अंतर्वाह के साथ, एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लगभग 122 लाख मीट्रिक टन स्टॉक जारी किए जाने के बावजूद भी समग्र केंद्रीय पूल में स्टॉक की स्थिति मजबूत बनी हुई है।