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मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में आयोजित देवभूमि डायलाॅग कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः मुख्ममंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में आयोजित ’देवभूमि डायलाॅग’ के समापन से पूर्व अपनी लगन, काबिलियत व मेहनत के बल पर समाज के समक्ष रोजगार से स्वरोजगार की दिशा में पहल करने वाले युवाओं के अनुभवों एवं सुझावों से रूबरू हुए तथा उन्हें स्मृति चिन्ह् एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

रोजगार से स्वरोजगार के लिये युवाओं को आना होगा आगे

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे समक्ष पहाडी क्षेत्रों से हो रहा पलायन एक गंभीर समस्या है। इस दिशा सरकार द्वारा तो पहल की ही जा रही है किन्तु प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों का भी सहयोग इसमें आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के बल पर हम पलायन को रोकने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियां सीमित है। अतः हमें अधिक से अधिक स्वरोजगार के अवसर तलाश करने होंगे और इसमें विशेषकर युवाओं में अपनी दक्षता के साथ आगे आना होगा। आज स्वरोजगार वक्त की आवाज है।

किसानों को मिलेगा उनके उत्पादों का उचित मूल्य: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिले इसके लिये बिचैलियों के बजाए सीधे मार्केटिंग की व्यवस्था की जायेगी। इससे किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि गांवों में घर-घर में मधुमक्खी के छत्ते लगाये जा सकते है, इससे गांवों में 400 रूपये किलो वाले शहद की सही ढंग से प्रोसेसिंग की जाए, तो उसका 10 गुने से अधिक मुनाफा किसानों को मिल सकेगा। इस शहद के मोम व पोलेन की भी देश-विदेश में बड़ी मांग है। इस शहद की 10 गुना मेडिसिन वैल्यू भी है। उन्होंने किसानों व युवाआंे का आह्वान किया कि वे अखबार, समाचार व विभिन्न योजनाओं से संबंधित साहित्य की जानकारी जरूर प्राप्त करें, ताकि विभिन्न क्षेत्रों मंे हो रही प्रगति एवं बदलावों की जानकारी उन्हें नियमित रूप से मिल सकें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अखरोट की पैदावार के लिये सेना द्वारा मलारी में अखरोट की नर्सरी तैयार की जा रही है।

दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का किया जा रहा है विकास: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चमोली के घेष व हिमनी गांवों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से दिल्ली के एम्स अस्पताल से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि चमोली के सूदूर बलाड गांव में 22 से 22 उम्र की महिलाओं में दांत गिरने की समस्या पायी गयी थी, इसकी जांच करने पर यह जानकारी मिली कि प्रसव के दौरान उन्हें ठीक से डाॅयट न मिलने के कारण यह समस्या पैदा हो रही है। इसके लिये गर्भवती महिलाओं को पोष्टिक आहार उपलब्ध कराने की योजना के साथ ही प्रदेश को टीबी मुक्त राज्य बनाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। टीबी के मरीजों को नियमित वा उपलब्ध हो इसके लिये उन्हें उनके घर पर दवा उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहल करते हुए प्रदेश में 47 ई-अस्पताल स्थापित किये गये है। जबकि पूरे देश में इनकी संख्या 144 है। इसकी शुरूआत जनपद पौड़ी से की गई है। घेष, हिमनी, ओखलकाण्डा, बेतालघाट को टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़ा गया है। जिसमें 48 प्रकार की विभिन्न जांच होंगी। चारधाम यात्रा को भी टेलीमेडिसिन सेवा से जोडा जा रहा है। इस वर्ष पैदल यात्रा मार्गों पर प्रत्येक एक कि.मी. पर चिकित्सकों की तैनाती की जा रही है। पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 1141 डाॅक्टरों की नियुक्ति की जा चुकी है और प्रति सप्ताह डाॅक्टरों वाॅक इन इंटरव्यू किये जा रहे है।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में की गई पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 12 बच्चों पर एक अध्यापक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 02 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विद्यालय गढ़वाल एवं कुमाउ में स्थापित किये जाने की योजना है। जहां पर आधुनिक शिक्षण व्यवस्था कक्षा से कक्षा छः से प्रदान की जायेगी और इसमें अमीर और गरीबों के मेधावी बच्चों को प्रवेश दिया जायेगा तथा शिक्षा शुल्क भी उनकी क्षमता के आधार पर निर्धारित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू की गई है, इससे अभिभावकों को उचित मूल्य पर पुस्तकें मिल रही है। उन्होंने कहा कि विद्यालय, शिक्षा के लिये है। यहां पर शिक्षा के विकास के ही कार्य हो, ये रोजगार के केन्द्र नहीं बनने चाहिए। विद्यालयों में अच्छे गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध हो, इसके लिये 10 बच्चों से कम संख्या वाले 1000 स्कूलों की क्लबिंग की जा रही है तथा एक ही कैम्पस में संचालित होने वाले अलग-अलग स्कूलों को क्लबिंग कर 750 स्कूलों को एक कर दिया गया है।

ग्रोथ सेन्टर बनेंगे आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थापित होने वाले ग्रोथ सेन्टरों को आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बनाया जायेगा। इसके लिये 150 करोड़ की व्यवस्था की गई है। यह स्वरोजगार के केन्द्र बने तथा इन केन्द्रों पर स्थानीय उत्पादों की ग्र्रेडिंग, ब्रांडिंग एवं प्रोसेसिंग की व्यवस्था हो। इन्हें सेन्टर सैल पाॅइन्ट के रूप में स्थापित करने, रेडीमेट ग्रारमेन्ट्स सहित पैक्ड फूड जैसी योजनाओं से जोड़ा जायेगा। यूरोप में आज भारत से भूना हुआ प्याज, टमाटर व मिर्च का पल्प जा रहा है।

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना हमारा मकसद: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना हमारा मकसद है। भ्रष्टाचार के प्रति हमारी नीति जीरों टाॅलरेंस की है। राज्य हित में जो सही होगा वह हम करेंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लडने की जरूरत है। इसमें सभी को पहल करनी होगी। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजूट हो, इससे हम आने वाले दस सालों में बेरोजगारी कम कर सकते है।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा सम्मानित किये गये युवाओं व उद्यमियों ने भी सुझाव एवं अनुभवों को साझा किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज में बदलाव लाने वाले युवा उद्यमियों के सुझावों पर ध्यान दिया जायेगा।

इस अवसर पर सम्मानित होने वाली रंजना रावत ने अपने सहयोगियों के साथ ऑर्गैनिक फार्मिंग से सैकड़ों लोगों की जिंदगी बदल दी। पहाड़ पर मशरूम की खेती शुरू की। आज वह पहाड़ में मशरूम गर्ल के नाम से जानी जाती है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर और मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले पौड़ी के आशीष डबराल ने दशकों पुराने तिमली विद्यापीठ को अपनी मेहनत से पुनर्जीवित किया और आज वहां के बच्चों को संस्कृत में शिक्षा के साथ साथ डिजिटल एजुकेशन और रोबोटिक तकनीक भी सिखा रहे हैं। आशीष ने ग्रामीणों को कलेक्टिव फार्मिंग के लिए प्रेरित किया और अपने क्षेत्र में सब्जियों की खेती से किसानों की आमदनी दोगुना करने की दिशा में काम कर रहे हैं। आशीष कीतिमली विद्यापीठ ने एक निजी संस्था के सहयोग से बुजुर्गों के लिए इमरजेंसी एंबुलेंस की शुरुआत भी की है।

पौड़ी के मनीष जोशी ने यूरोप के कई देशों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग लेकर कंडारा में हिमालयन फ्लाइंग स्कूल की स्थापना की, और विगत 25 वर्षों से पहाड़ के युवाओं को पैराग्लाइडिंग के गुर सिखा रहे हैं। मनीष जोशी माउंटेन साइक्लिंग और वाइल्ड सफारी की संभावनाओं को तलाशने में भी जुटे हैं। पिथौरागढ़ की प्रियंका जोशी पॉली हाउस, बीज वितरण, पशुपालन, मासिक बचत योजना, कृषि के लिए उन्नत उपकरण, मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, मुर्गी पालन जैसे कामों को बढ़ावा दे रही हैं। स्थानीय नकदी फसलों को बढ़ावा और औषधीय गुणों से युक्त टिमरू और इलायची के उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों की मदद से हल्दी, पहाड़ी जड़ी बूटी, अदरक, डेयरी उत्पादन, कीवी और स्ट्रॉबेरी के उत्पादन को बढ़ावा दे रही हैं, साथ ही इन सबी प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए कास्तकारों को स्थानीय बाजार उपलब्ध करवा रही हैं।

पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट आलोक ने नेचर कनेक्ट आउटडोर नाम की कंपनी गठित करके उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में पहल की। 2011 में पहाड़ी क्षेत्र में कई घरों को होम स्टे के तौर पर विकसित किया। कुछ समय पूर्व आपने कृषि क्षेत्र में कुछ नए प्रयोग करके उत्तराखंड में नई फसलों की संभावना जगाई। मणिपुर का ब्लैक राइस, काली हल्दी, काला अदरक की पैदावार की। डोईवाला में ऑर्गैनिक गुड़ तैयार करने की पहल भी शुरू की है।

पिथौरागढ़ की रेखा धामी ने ड्राइविंग सीखी, और खुद की कैब से हजारो यात्रियों को रेगुलर यात्रा करवाती हैं। रेखा, ड्राइविंग स्कूल खोलकर महिलाओं को ड्राइविंग के जरिए रोजगार से जोडना चाहती हैं। उन्होंने हजारों महिलाओं को एक हौसला दिया है। पप्पू किसान ने चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र घेस और हिमनी में न्यूजीलैंड से आयातित बीज और नई तकनीक से  मटर की फसल अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं।

टिहरी के दो युवाओं कुलदीप और संदीप ने मंडुवे की स्वादिष्ट बर्फी तैयार की। उनकी यह स्वादिष्ट मिठाई दिल्ली और देहरादून में पॉपुलर हो रही है।

पौड़ी जिले के मितेश्वर आनंद उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा में चयनित हुए। उन्होंने स्थानीय प्रकृति प्रेमियों के साथ पौधरोपण कार्य शुरू किया। गर्जिया देवी परिसर के आसपास 32 प्रजातियों के पौधे लगाकर बायोडायवर्सिटी गार्डन एवं फाइकस गार्डन स्थापित किया। देहरादून में शिल्पा बहुगुणा इवेंट मैनेजमेंट के जरिए देहरादून के कॉलेजों से स्टूडेंट्स को हायर करके उन्हें रोजगार देने की कोशिश कर रही है। सुधीर सुंद्रियाल ने फीलगुड यानी भलु लगद नाम से ट्रस्ट बनाकर बंजर पड़ी जमीनों को आबाद किया और वहां ऑर्गैनिक सब्जियों का उत्पादन शुरू किया। देहरादून के रमेश पेटवाल युवाओं को दक्ष बनाकर उनके रोजगार और आजीविका का रास्ता साफ किया है। उन्होंने अब तक 10 हजार से ज्यादा युवाओं को स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग देकर उन्हे प्लेसमेंट के जरिए रोजगार दिलवाया है।

मनोज उनियाल ने कारोबार जगत की अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा उत्तराखंड के गांवों को बिजली से रोशन करने में खर्च किया। उन्होंने माइक्रो ग्रिड तकनीक से अब तक 7 दूरस्थ गांवों को बिजली से रोशन कर चुके हैं। इसके अलावा दूसरे चरण में 21 गावों तक बिजली पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा दे रहे हैं और यहां एडवेंचर एक्टिविटीज को बढ़ावा दे रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में आजीविका सुधार के लिए स्थानीय उत्पादों को मार्केट उपलब्ध कराने के साथ साथ कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। तकनीक के सहरा 50 गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। हेमलता महिला सशक्तीकरण और उनके स्वास्थ्य को लेकर कई साल से सराहनीय कार्य कर रही हैं। बच्चियों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक तत्वों से भरपूर डाइट उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने अब तक 100 से ज्यादा टीबी ग्रस्त बालिकाओं को टीबी से लड़ने की हिम्मत दी है और उनके चेहरे पर खुशी लाने की कोशिश की है।

अध्यापक श्री हुकुम सिंह उनियाल ने सामुदायिक सहयोग से स्कूल से वंचित रह गए बच्चों के लिए निशुल्क भोजन और आवास की मुहैया करवाया। वर्तमान में 136 छात्र छात्राएं उनके आदर्श हॉस्टल में शिक्षा ले रहे हैं। गीतेश और खीम सिंह रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने गांवों में बसने और खेतों को आबाद करके स्थानीय लोगों की आजीविका सुधारने की दिशा में काम कर रहे हैं। 12 ग्राम सभाओं में आपकी संस्था स्थानीय उत्पादों की पैदावार को बढ़ावा देने और बंजर खेतों को आबाद करने की दिशा में पहल कर रहे हैं। उत्तरकाशी के रहने वाले पंकज राणा ने दिव्यांगता को अभिशाप नहीं बनने दिया, बल्कि छोटी उम्र में बड़ा मुकाम हासिल करके लाखों दिव्यागों के प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं। पंकज राणा भारत की दृष्टिबाधित फुटबॉल टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। उन्होंने तीन अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर 2 गोल दागे भी हैं।

इस पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में समाज के हर वर्ग से सीधा जनसंवाद स्थापित करने के उद्देश्य से ‘देवभूमि डायलाॅग’ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी जनपदों से आये युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन करते हुए कहा कि युवा भविष्य के निर्माता हैं। हम कैसा उत्तराखण्ड चाहते हैं इस विषय  पर राज्य के प्रबुद्धजनों, लेखकों, कवियों, गीतकारों द्वारा बहुत कुछ लिखा गया। राज्य निर्माण के पीछे आन्दोलनकारियों की जो सोच थी, हमें उनकी सोच एवं सपने को साकार करना होगा। प्रदेश के विकास के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीव्र विकास के लिए युवाओं को स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ना होगा तथा अन्य लोगों को भी अपने साथ स्वरोजगार से जोड़ना होगा। हम अपने बल पर क्या कर सकते है, इस सोच के साथ राज्य को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

कार्यक्रम का संचालन मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश भट्ट ने किया। इस अवसर पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एसएस नेगी, सचिव श्री डी.सेन्थिल पांडियन, सचिव कौशल विकास डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय, आईटीडीए निदेशक श्री अमित सिन्हा, पद्म श्री अनिल जोशी, हार्क संस्था के डॉ.महेंद्र सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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