25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समस्त पुराने किलों के जीर्णोद्धार के सम्बन्ध में बैठक करते हुएः सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर बुंदेलखण्ड क्षेत्र के किलों के जीर्णोद्धार के सम्बन्ध में बैठक की। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड का पूरा क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से संपन्न है। झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा बांदा और चित्रकूट में ऐतिहासिक स्मृतियों को संजोए अनेक प्राचीन दुर्ग/किले/गढ़ हैं। हमें नई पीढ़ी को इनके महत्व से परिचय कराना चाहिए। इस संबंध में व्यवस्थित कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में अवस्थित प्राचीन किलों/दुर्गों का जीर्णाेद्धार करके उन्हें पर्यटन के नवीन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। विशाल परिसर वाले कई किले अपनी भव्यता के साथ बेहतरीन होटल के रूप में तैयार हो सकते हैं। हमें इन संभावनाओं को आकार देना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कलिंजर का किला 542 हेक्टेयर के विशाल परिक्षेत्र में अवस्थित है। यहां निजी क्षेत्र की सहभागिता से लाइट एण्ड साउण्ड शो, कैम्पिंग-ट्रैकिंग रॉक क्लाइम्बिंग और फ़साड लाइटिंग का कार्य कराया जाए। किले पर नाइट गेज़िंग तथा नेचर ट्रेल की गतिविधियों को शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झांसी दुर्ग में पर्यटकों का आगमन होता है, वहीं समीप में स्थित बरुआ सागर किले तक जाने के लिए सुगम साधन की जरूरत है। 12 एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और 4 एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय महल, रघुनाथ राव महल की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है। इनके पुनरोद्धार के लिए ठोस प्रयास किये जायें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बरुआ सागर किला, टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय के किले, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर फसाड लाइटिंग की जाए। बरुआ सागर के समीप स्थित और तालबेहट किले के नीचे स्थित झीलों पर वॉटर स्पोर्ट्स /एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों को शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि मड़ावरा के किले और सौराई के किले पर पर्यटन की दृष्टि से पहुंच मार्ग, साइनेज तथा पेयजल व्यवस्था को बेहतर करें। देवगढ़ (दुर्ग) परकोटे के नीचे बेतवा नदी में वॉटर स्पोर्ट की संभावनाएं हैं। इसी प्रकार महावीर स्वामी अभ्यारण्य तथा बानपुर किले को इको-टूरिज्म के लिए विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुंदेलखंड में किलों/दुर्गों/गढ़ों के जीर्णाेद्धार के लिए पी0पी0पी0 मॉडल अपनाया जाना चाहिए। सी0एस0आर0 भी उपयोगी हो सकता है। जरूरत के अनुसार राज्य सरकार द्वारा भी वित्त पोषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ए0एस0आई0 द्वारा संरक्षित तालबेहट दुर्ग की स्थिति बहुत अच्छी है। यह पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है। इस किले तक पहुंचने के लिए संपर्क मार्ग को बेहतर किया जाए। प्रकाश आदि की व्यवस्था को दुरुस्त किये जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चरखारी स्थित मंगलगढ़ किले को निजी क्षेत्र की सहभागिता से हेरिटेज होटल, एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिहाज से विकसित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, मस्तानी महल, बेलाताल पर कैफेटेरिया की सुविधा दें। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में किलों के जीर्णाेद्धार के साथ टूरिज्म की संभावनाओं को आकार देने के लिए प्रोफेशनल एजेंसी द्वारा अध्ययन कराया जाए। तदोपरान्त, बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। इस महत्वपूर्ण परियोजना में अन्तर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता होगी। पर्यटन, संस्कृति, ग्राम्य विकास, नगर विकास, परिवहन, नागरिक उड्डयन, खेल, गृह, औद्योगिक विकास और जल शक्ति विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। कार्ययोजना तैयार करते समय सभी विभागों की भूमिका और उनके कार्य की समय सीमा तय होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले झांसी के 08, बांदा के 04, जालौन के 02, ललितपुर के 07, हमीरपुर के 03, महोबा के 05 और चित्रकूट के 02 किलों के पुरातात्विक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से परिचय कराती कॉफी टेबल बुक भी तैयार कराई जाए। उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र, लखनऊ की स्थापना का कार्य तेजी से पूर्ण कराएं। आगामी 06 दिसम्बर को बाबासाहेब का महापरिनिर्वाण दिवस है। प्रयास करें तब तक यह महत्वपूर्ण परियोजना पूर्ण हो जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ में प्रस्तावित पर्यटक आवास गृह का कार्य जल्द शुरू कराया जाए। निर्माण कार्य से पूर्व स्थानीय भौगोलिक-पारिस्थितिकी जरूरतों का विधिवत अध्ययन करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि संत तुलसीदास जी की जन्मस्थली राजापुर के पर्यटन विकास की कार्ययोजना को समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराएं। रामलीला की महान लोक परंपरा संत तुलसीदास जी की देन है। अतः राजापुर में रामलीला मंचन के लिए व्यवस्थित मंच तैयार कराया जाए। यहां पुस्तकालय की स्थापना भी कराई जाए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More